सार

इंटरनेट टेक्नोलॉजी जीवन बचाने का काम भी कर रही है। महाराष्ट्र पुलिस ने इंटरपोल अलर्ट के कारण पुणे में मेड स्टूडेंट को सुसाइड करने से बचा लिया। मामला पिछले हफ्ते का है।

पुणे. इंटरनेट टेक्नोलॉजी जीवन बचाने का काम भी कर रही है। महाराष्ट्र पुलिस ने इंटरपोल अलर्ट के कारण पुणे में मेड स्टूडेंट को सुसाइड करने से बचा लिया। मामला पिछले हफ्ते का है। इंटरपोल के अलर्ट ने मुंबई क्राइम ब्रांच को पुणे में स्थित बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (BHMS) के फर्स्ट ईयर स्टूडेंट को सुसाइड करने से रोक लिया। (Demo Pic)

काउंसलिंग के बीच ही सुसाइड की बात करने लगा था

क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) अलर्ट मिलने के दो घंटे के भीतर पुणे पहुंची और 22 वर्षीय छात्र को काउंसलर के पास ले गई। अधिकारियों के मुताबिक, छात्र पर्सनल और एकेडमिक कारणों से डिप्रेशन में था। छात्र डिप्रेशन के बारे में वेटरन्स नाम की एक यूएस बेस्ड वेबसाइट( US-based website named Veterans) से परामर्श कर रहा था। बातचीत के दौरान उसने कहा कि वह मरना चाहता है। उसने एक ऐसी दवा का नाम पूछा, जो शांतिपूर्ण मौत ला सके।

छात्र ने लगभग 3.5 घंटे तक काउंसलरों से बात की। वह अपनी एकेडमिक लाइफ और पर्सनल इश्यूज को लेकर बहुत डिप्रेशन में था। एक अधिकारी ने कहा, काउंसलर लगातार उसकी काउंसलिंग करता रहा और उसकी डिटेल्स ले ली।

वेबसाइट चलाने वाले लोगों ने छात्र के साथ बातचीत करते हुए संबंधित अधिकारियों को सूचित किया, जिन्होंने इंटरपोल को सतर्क किया। इसके बाद भारतीय समकक्षों को एक इमरजेंसी रिक्वेस्ट भेजी गई। फिर क्राइम ब्रांच के साथ शेयर किया गया, ताकि वे किसी भी स्थिति को टाल सकें। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने कहा, “हमने सूचना के बेस पर छात्र की डिटेल्स ली और तुरंत एक टीम को पुणे भेजा।”

इस बीच, CIU की एक अन्य टीम ने छात्र के मोबाइल नंबर सहित अन्य जानकारी जुटाई। जांच करने पर पता चला कि वह पुणे में बीएचएमएस प्रथम वर्ष का छात्र है। टीम तुरंत कॉलेज गई और पाया कि वह अपनी प्रैक्टिकल एग्जाम दे रहा था।

बाद में CIU अधिकारियों ने अस्पताल के डीन से मुलाकात की और छात्र को एग्जाम के बाद कार्यालय में बुलाने की व्यवस्था की, जहां उसकी काउंसिलिंग की गई। उसके परिवार को स्थिति के बारे में सूचित किया गया।

अधिकारियों के अनुसार, छात्र के परिवार के सदस्यों ने संकेत दिया कि उसने अपनी NEET परीक्षा के दौरान कठिनाइयों का अनुभव किया था, लेकिन कॉलेज में एडमिशन होने के बाद से वह सामान्य था।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि टाइमली CIU अधिकारी पुणे पहुंचे और आगे की कार्रवाई करने से पहले छात्र को अपने साथ रखा। अधिकारियों ने यह भी पता लगाया कि क्या छात्र बीमार था या उसके दोस्तों को इस बारे में पता था?

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