सार
मुंबई. 5 दिंसबर को महाराष्ट्र को नई सरकार मिल गई। बीजेपी विधायक अब सूबे के मुख्यमंत्री बन गए हैं। पहली कैबिनेट बैठक भी हो गई है। लेकिन अब बड़ी खबर सामने निकलकर आई है। महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) की तरफ से कहा गया है कि उनके विधायक विधानसभा में शपथ ग्रहण नहीं करेंगे। शनिवार को हंगामा करते हुए इन विधायकों ने शपथ का बहिष्कार का फैसला किया है।
आदित्य ठाकरे ने विधानसभा में लिया यह फैसला
वहीं शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे ने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए फैसला किया है कि उनका कोई भी विधायक विधानसभा में शपथ ग्रहण समारोह हिस्सा नहीं लेगा। आदित्य ठाकर ने कहा- हमें ईवीएम पर संदेह है। यह लोकतंत्र की हत्या है, और हम विरोधस्वरूप शपथ नहीं ले रहे।"
विधानसभा के विशेष सत्र आज से है शुरू
बता दें कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने यह फैसला ऐसे वक्त लिया है जब महाराष्ट्र की 288-सदस्यीय विधानसभा के विशेष तीन दिवसीय सत्र आज से शुरू हुआ है। जहां भाजपा विधायक कालिदास कोलंबरकर प्रोटेम स्पीकर बनाए गए हैं। वह इस सत्र में विधायकों का शपथ ग्रहण कराएंगे।
महायुति गठबंधन ने 288 में से 230 सीटें जीतीं
20 नवंबर को हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। वहीं भाजपा के महायुति गठबंधन ने कुल 288 में से 230 सीटों पर जीत हासिल की। 5 दिसंबर को देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री, जबकि एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। तो विपक्ष इतनी भी सीटें नहीं जीत सका है कि उनका कोई विधायक विपक्ष का नेता बन सके।