Shocking Incident in Maharashtra: क्या लोकल ट्रेन में हिंदी बोलने पर हुआ हमला इतना खतरनाक साबित हुआ कि 19 साल के छात्र अर्नव खैरे ने अपनी जान ले ली? पुलिस जांच शुरू, राज्य में भाषा विवाद पर नया सस्पेंस और बहस छिड़ी।
मुंबई। महाराष्ट्र के कल्याण में एक दर्दनाक घटना ने लोगों को झकझोर दिया है। 19 साल के कॉलेज छात्र अर्नव जितेंद्र खैरे ने लोकल ट्रेन में हिंदी बोलने पर हमला होने के बाद अपनी जान ले ली। यह मामला न सिर्फ शहर में, बल्कि पूरे राज्य में मराठी-हिंदी भाषा तनाव पर बहस को तेज कर रहा है।
लोकल ट्रेन में क्या हुआ?
18 नवंबर की सुबह, अर्नव अपने कॉलेज केलकर कॉलेज, मुलुंड जाने के लिए अंबरनाथ-कल्याण लोकल ट्रेन में सवार हुआ। कुछ पैसेंजरों के साथ उसकी मामूली बहस हुई। उसके पिता के अनुसार, ट्रेन में 4-5 लोगों ने उसे कथित तौर पर मराठी न बोलने के लिए परेशान किया और हमला किया। डर के मारे अर्नव ठाणे स्टेशन पर उतर गया और घर जाने से पहले दूसरी ट्रेन से मुलुंड लौट आया।
अर्नव ने अपने पिता को क्या बताया?
घर पहुंचने के बाद, अर्नव ने दोपहर में अपने पिता से फोन पर बात की और अपने डर और बेचैनी को साझा किया। उन्होंने बताया कि वह बहुत परेशान महसूस कर रहा है। पिता ने उसे भरोसा दिलाने की कोशिश की, लेकिन देखा कि उसकी आवाज़ में डर और तनाव स्पष्ट था।
क्या यह आत्महत्या भाषा विवाद का नतीजा है?
शाम को जब अर्नव के पिता, जितेंद्र खैरे, घर लौटे, तो उन्होंने दरवाज़ा अंदर से बंद पाया। पड़ोसियों की मदद से दरवाज़ा तोड़ा गया तो अंदर उन्हें अर्नव दुपट्टे से फंदे पर लटका हुआ मिला। उसे रुक्मिणीबाई हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने रात 9:05 बजे उसे मृत घोषित कर दिया। अर्नव के पिता ने पुलिस को बताया कि भाषा विवाद और मारपीट के डर और मानसिक तनाव के कारण उनके बेटे ने यह कदम उठाया।
पुलिस ने क्या कहा?
कोलसेवाड़ी पुलिस ने एक्सीडेंटल डेथ रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। रेलवे पुलिस को भी जानकारी दी गई और CCTV फुटेज हासिल करने की कोशिशें चल रही हैं। लोकल लोग ट्रेन में हुए कथित हमले की स्वतंत्र जांच की मांग कर रहे हैं।
क्या महाराष्ट्र में बढ़ रहा है मराठी-हिंदी तनाव?
हाल के महीनों में कई ऐसी घटनाएँ सामने आई हैं जहाँ भाषा को लेकर विवाद हुआ। अर्नव की मौत ने इस मुद्दे पर नई बहस छेड़ दी है और लोगों में चिंता बढ़ा दी है।
Disclaimer: आत्महत्या किसी समस्या का हल नहीं है। अगर आपके मन में भी सुसाइड या खुद को चोट पहुंचाने जैसे ख्याल आ रहे हैं तो आप फौरन घर-परिवार, दोस्तों और साइकेट्रिस्ट की मदद ले सकते हैं। इसके अलावा आप इन हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल करके भी मदद मांग सकते हैं। आसरा (मुंबई) 022-27546669, सुमैत्री (दिल्ली) 011-23389090, रोशनी (हैदराबाद) 040-66202000, लाइफलाइन 033-64643267 (कोलकाता)। स्पंदन (मध्य प्रदेश) 9630899002, 7389366696, संजीवनी: 0761-2626622, TeleMANAS 1-8008914416/14416, जीवन आधार: 1800-233-1250.
वंद्रेवाला फाउंडेशन फॉर मेंटल हेल्थ: 9999666555 , ISS iCall: 022-25521111, मानसिक तनाव होने पर काउंसलिंग के लिए हेल्पलाइन नंबर 14416 और 1800 8914416 पर संपर्क कर घर बैठे मदद पा सकते हैं।


