Shocking Attack in Mumbai: मुंबई के विले पार्ले में एक दलित महिला और उसके बेटे को गुप्ता परिवार ने कमरे में बंद कर 15 मिनट तक पीटा, कहा-"तू …अछूत जाति की है, भीख मांगने लायक!" पुलिस पर निष्क्रियता और पक्षपात का भी आरोप।

Mumbai Dalit woman assault: भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में जाति-आधारित अत्याचार का एक शर्मनाक मामला सामने आया है। विले पार्ले इलाके में एक दलित महिला रेशमा कांबले और उनके घायल बेटे को एक उत्तर भारतीय गुप्ता परिवार ने न सिर्फ पीटा, बल्कि उन्हें उनकी जाति को लेकर अपमानित भी किया। आरोप है कि हमले के वक्त पुलिस मूकदर्शक बनी रही और शिकायत पर भी निष्क्रियता बरती।

किस बात को लेकर भड़का विवाद?

पीड़िता रेशमा कांबले ने बताया कि घटना एक व्यापारिक विवाद से शुरू हुई, लेकिन बात जातिसूचक गालियों और जातीय हिंसा तक पहुंच गई। रेशमा ने दावा किया कि गुप्ता परिवार के एक सदस्य ने उससे कहा, “तू….जाति की है, और तेरे जैसे लोगों को भीख मांगते रहना चाहिए।” इस टिप्पणी से मामला और बिगड़ गया। महिला के मुताबिक, गुप्ता परिवार के तीन पुरुष और एक महिला ने मिलकर उन्हें और उनके घायल बेटे को जबरन एक कमरे में बंद कर दिया और करीब 15 मिनट तक बेरहमी से पीटा।

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पीड़िता ने लगाया गंभीर आरोपी 

रेशमा का कहना है कि उनके बेटे को पहले से ही चोट लगी हुई थी, लेकिन हमलावरों ने उसकी भी बेरहमी से पिटाई की। गुप्ता परिवार के दोनों बेटों और महिला सदस्य ने उसे ज़मीन पर गिरा कर मारा। पीड़िता ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे को बचाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें बाल पकड़कर खींचा गया, जिससे उनकी गर्दन में गंभीर चोटें आईं।

 पुलिस स्टेशन में भी धमकी, शिकायत पर नहीं हुई कार्रवाई

 सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जब रेशमा कांबले अपने बेटे के साथ विले पार्ले पुलिस स्टेशन पहुंचीं, तब भी उन्हें न्याय नहीं मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि गुप्ता परिवार के लोग पुलिस स्टेशन में भी उन्हें धमकाते रहे और पुलिसकर्मी चुपचाप देखते रहे। कांबले ने कहा कि पुलिस ने शिकायत दर्ज करने के बजाय उन्हें वहां से हटाने की कोशिश की।

वीडियो वायरल, दलित संगठनों में आक्रोश 

इस पूरी घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसमें रेशमा कांबले फूट-फूट कर अपनी आपबीती सुना रही हैं। वीडियो के वायरल होने के बाद दलित संगठनों ने मुंबई पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं और गुप्ता परिवार के खिलाफ SC-ST एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की मांग की है।

क्या पुलिस अब भी खामोश रहेगी? 

अब सवाल उठता है कि क्या पुलिस इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई करेगी या आरोपी परिवार के रसूख के आगे झुक जाएगी? पीड़िता का दर्द अब देश भर में चर्चा का विषय बन चुका है, और लोग यह जानना चाहते हैं – क्या न्याय मिलेगा या जाति एक बार फिर कानून पर भारी पड़ेगी?