सार
अपनी हिंदूवादी छवि और विवादित बयानों के चलते चर्चा में बने रहने वाले बागेश्वर धाम के कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर फिर बवाल बढ़ गया है। मुंबई पुलिस में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज हुई है। यह मामला शिरडी के साईं बाबा को लेकर है।
मुंबई/छतरपुर. भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने को लेकर बयानबाजी करने वाले बागेश्वर धाम के कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री लंबे समय से मीडिया में छाए हुए हैं। लेकिन अब उनकी मुश्किलें बढ़ने वाली हैं, क्योंकि धीरेंद्र शास्त्री के शिरडी के साईं बाबा पर दिए बयान को लेकर मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। इतना ही नहीं इस शिकायत के माध्यम से शिकायतकर्ता ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
आदित्य ठाकरे के करीबी राहुल कनाल ने कराई है शिकायत
दरअसल, धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ दी गई यह शिकायत मुंबई के बांद्रा पुलिस में की गई है। जिसे शिवसेना (उद्धव गुट) युवा सेना के नेता और शिरडी साईं संस्थान के पूर्व ट्रस्टी राहुल कनाल ने दर्ज कराई है। कनाल ने मुबई पुलिस से धीरेंद्र शास्त्री पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। कनाल ने कहा- बागेश्वर धाम के पंडित ने साईं बाबा को लेकर जो बयान दिया है उससे साईं के करोड़ों भक्तों और धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। बता दें कि राहुल कनाल आदित्य ठाकरे के बेहद करीबी माने जाते हैं।
जानिए धीरेंद्र शास्त्री ने ऐसा क्या दिया था बयान
बता दें कि कुछ दिन पहले मुंबई में एक धर्मसभा का आयोजन किया गया था। जिसमें कई सतों के अलावा आचार्य धीरेंद्र शास्त्री भी मौजूद थे। इसी दौरा धीरेंद्र शास्त्री साईं बाबा को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने साईं बाबा संत हो सकते हैं, लेकिन भागवान नहीं हो सकते। यह बात हम नहीं कह रहे हैं, हमारे सनातन धर्म में में शंकराचार्य का सबसे बड़ा स्थान है, उन्होंने कभी भी साईं बाबा को भगवान का दर्जा नहीं दिया है। इसके अलावा धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- गीदड़ की खाल पहनकर कोई शेर नहीं हो सकता।
गढ़ा के बालाजी मंदिर में लगता है चमत्कारी दरबार
धीरेंद्र शास्त्री बागेश्वर धाम मंदिर के मुख्य पुजारी हैं। यह मंदिर मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में स्थित में मौजूद है। 26 वर्षीय धर्मगुरु लंबे समय से मीडिया और राजनीति के केंद्र में बने हुए हैं। उन्होंने भारत को एक हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया हुआ है। धीरेंद्र शास्त्री की भागवत कथा में लाखों की भीड़ पहुंचती है। इसके अलावा वह अपने गांव गढ़ा में बालाजी मंदिर में हर मंगलवार और शनिवार को एक बैठक करते हैं। इसे दिव्य अदालत कहा जाने लगा है। कोई उन्हें चमत्कारी संत बताता है तो कोई कहता है कि वह अंधविश्वास को बढ़ा रहे हैं।