मुंबई के 72 साल के एक बुजुर्ग ने ग्लोब कैपिटल मार्केट लिमिटेड पर अपनी पत्नी के अकाउंट का गलत इस्तेमाल कर ₹35 करोड़ का नुकसान करवाने का आरोप लगाया है। 2020 से यह फ्रॉड चलता रहा, जिसमें कंपनी ने बिना अनुमति बड़े पैमाने पर ट्रेडिंग की। 

Trading Scam: मुंबई के रहने वाले एक 72 साल के बुजुर्ग ने ट्रेडिंग स्कैम में फंसकर अपनी जिंदगी भर की गाढ़ी कमाई लुटा दी। माटुंगा वेस्ट के रहने वाले भरत हरकचंद शाह ने आरोप लगाया कि एक ब्रोकरेज फर्म, ग्लोब कैपिटल मार्केट लिमिटेड ने बिना इजाजत उनकी पत्नी के अकाउंट का इस्तेमाल ट्रेडिंग के लिए किया। इससे उन्हें 35 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इतनी बड़ी रकम गंवाने के बाद से ही शाह गहरे सदमे में हैं।

क्या है पूरा मामला?

भरत हरकचंद शाह मुंबई के परेल में अपनी पत्नी के साथ मिलकर कैंसर के मरीजों के लिए कम किराए का गेस्ट हाउस चलाते हैं। 1984 में अपने पिता की मौत के बाद उन्हें विरासत में एक शेयर पोर्टफोलियो मिला था। हालांकि, कपल को स्टॉक मार्केट की कोई जानकारी नहीं थी, इसलिए उन्होंने कभी एक्टिवली ट्रेडिंग नहीं की। 2020 में उनके साथ यह फ्रॉड तब शुरू हुआ, जब उन्होंने एक दोस्त के कहने पर ग्लोब कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड में अपने और पत्नी के लिए एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोला। इसके साथ ही उन्होंने अपने सारे शेयर इस कंपनी में ट्रांसफर कर दिए।

कंपनी बोली, इन्वेस्टमेंट के लिए आपको अलग से पैसे देने की जरूरत नहीं

कंपनी के रिप्रेजेंटेटिव शाह से नियमित रूप से बात करते थे और उन्हें कई आकर्षक भरोसे दिलाते थे। उन्होंने शाह से कहा कि ट्रेडिंग के लिए उन्हें अलग से किसी भी तरह के इन्वेस्टमेंट की जरूरत नहीं पड़ेगी। वो अपने शेयरों को कोलैटरल के तौर पर इस्तेमाल करके सेफ ट्रेडिंग कर सकते हैं। कंपनी के रिप्रेजेंटेटिव ने शाह से कहा कि कंपनी उन्हें "पर्सनल गाइड" भी देगी। ये कहते हुए, दो कर्मचारी अक्षय बारिया और करण सिरोया को उनके पोर्टफोलियो को मैनेज करने का इंचार्ज बनाया गया। इसके बाद कंपनी ने शाह और उनकी पत्नी के अकाउंट पर पूरा कंट्रोल कर लिया।

कंपनी ने शाह के अकाउंट पर कर लिया कंट्रोल

दोनों रिप्रेजेंटेटिव शुरू में रोजाना कॉल करते थे, शाह को बताते थे कि कौन से ऑर्डर देने हैं। इसके बाद, एम्प्लॉई घर आने लगे और अपने लैपटॉप से ​​ईमेल भेजने लगे। शाह का कहना है कि उन्होंने हर OTP डाला, हर SMS और ईमेल खोला और उसका जवाब दिया। शाह को सिर्फ वही जानकारी दी गई जो उन्हें जाननी थी। कंपनी ने उनके अकाउंट पर पूरा कंट्रोल कर लिया। शाह को पता नहीं था कि उनके अकाउंट से बड़े पैमाने पर ट्रेडिंग की जा रही थी। मार्च 2020 और जून 2024 के बीच, उन्हें मिलने वाले सालाना स्टेटमेंट में लगातार "प्रॉफिट" दिखाया गया। हर साल एक साफ-सुथरा स्टेटमेंट आने से, शाह को किसी भी गलत काम का शक करने की कोई वजह नहीं थी।

कब और कैसे चला फ्रॉड का पता?

जुलाई 2024 में इस फ्रॉड का पता तब चला, जब शाह को ग्लोब कैपिटल के रिस्क मैनेजमेंट डिपार्टमेंट से अचानक कॉल आया, जिसमें कहा गया, "आपके और आपकी पत्नी के अकाउंट में 35 करोड़ रुपए का डेबिट बैलेंस है। आपको इसे तुरंत चुकाना होगा, नहीं तो आपके शेयर बेच दिए जाएंगे।" जब शाह कंपनी में पता करने पहुंचे तो वहां उन्हें बताया गया कि आपके डीमैट खाते से बिना अनुमति काफी बड़ी ट्रेडिंग हुई है। करोड़ों के शेयर बेचे गए थे और कई 'सर्कुलर ट्रेड' (एक ही पार्टी के साथ किए गए ट्रांजेक्शन) ने अकाउंट को बहुत ज्यादा नुकसान में डाल दिया था।

शाह ने अपने बचे हुए शेयर बेच चुकाए 35 करोड़

अपने बचे हुए एसेट्स खोने के डर से शाह को मजबूरी में बचे हुए शेयर बेचने पड़े। इस तरह उन्होंने ₹35 करोड़ का कर्ज चुकाया। बाद में उन्होंने बचे हुए शेयर एक दूसरी कंपनी को ट्रांसफर कर दिए। जब उन्होंने ग्लोब की वेबसाइट से ओरिजिनल ट्रेडिंग स्टेटमेंट डाउनलोड किया और ईमेल से मिले "प्रॉफिट" स्टेटमेंट से उसका कम्पेरिजन किया तो दोनों रिकॉर्ड में काफी अंतर मिला। साथ ही शाह को पता चला कि कंपनी को NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) से कई बार नोटिस भी मिले थे।

4 साल तक कंपनी ने छुपाया सच

शाह ने कहा, कंपनी ने मुझसे चार साल तक सच छुपाए रखा, जबकि असल नुकसान बढ़ता रहा। शाह ने इसे "ऑर्गनाइज़्ड फाइनेंशियल फ्रॉड" बताते हुए वनराई पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई है। पुलिस ने IPC की धाराओं 409 (क्रिमिनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट) और 420 (चीटिंग) के तहत केस दर्ज कर मामला मुंबई पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) को सौंप दिया है।