सार
महाराष्ट्र के नासिक शहर से सोमवार की सुबह दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई। जहां एक टावर वैगन की ड्राइवर की गलती के चलते 4 ट्रैकमैन की जान चली गई। वहीं घटना होने के कई घंटे बाद भी अधिकारियों के नहीं आने पर साथी कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन।
नासिक (nasik). महाराष्ट्र के नासिक शहर से दर्दनाक खबर सामने आई है। सोमवार की सुबह हुए इस हादसे में 4 लोगों की जान चली गई है। दरअसल टावर वैगन के गलत ट्रैक में आ जाने के कारण दुर्घटना हुई है। वहीं घटना के कई घंटों के बाद भी अधिकारियों के नहीं आने के चलते साथी कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। घटना लासलगांव और उगांव स्टेशन के बीच हुई है। वहीं आरोपी ड्राइवर को अरेस्ट कर लिया है।
मरम्मत के काम में लगे थे कर्मचारी, तभी हो गया भीषण हादसा
दरअसल सोमवार की तड़के सुबह 5:45 बजे रेलवे के कर्मचारी जो कि गैंगमैन है वहां रिपेयर के काम में लगे हुए थे। तभी एक टावर वैगन रेलवे ट्रैक पर आ रहा था। मजदूरों को लगा कि वह दूसरे ट्रैक पर आएगा पर वह गलत डायवर्जन के चलते लासलगांव की तरफ से उगांव की तरफ जाने की बजाए मजदूरों वाले ट्रैक पर आ गया और 4 मजदूरों को कुचलते हुए निकल गया। घटना के बाद वहां चीख पुकार मच गई। साथ ही घटना की जानकारी पुलिस को दी गई साथ ही एंबुलेंस को जानकारी दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने चारों कर्मचारियों को लेकर हॉस्पिटल पहुंची जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हादसे में भाऊराव केदारे, दिनेश सहादु दराडे, कृष्णा आत्माराम अहिरे और संतोष सुखदेव शिरसाठ के रूप में हुई है।
आरोपी ड्राइवर पकड़ाया, रेलकर्मचारियों ने किया विरोध
वहीं घायल कर्मचारियों को हॉस्पिटल पहुंचाने के साथ ही पुलिस ने वैगन टावर के आरोपी ड्राइवर को अरेस्ट किया। वहीं घटना के 3 घंटें के बाद भी कोई वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर नहीं पहुंचे इससे घटना में घायल कर्मचारियों के साथी नाराज हो गए और अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान ही प्रदर्शनकारियों ने कुछ ट्रेनों को भी रोके रखा। वहीं जब से घटना की जानकारी मृतकों के परिजनों को दी गई तो चीख पुकार मच गई और पूरे इलाके में मातम पसर गया। परिजनों के आने के बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की गई।
क्या है टावर वैगन
टॉवर वैगन रेलवे लाइन में उपयोग किए जाने वाला वह उपकरण है, जो ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइन (ओएचई) की रिपेयर के काम आता है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार आने वाले समय में टॉवर वैगन की और अधिक जरूरत होगी क्योंकि देश में रेलवे सेक्टर में इलेक्ट्रिक इंजन का उपयोग बढ़ता जा रहा है।
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