गडकरी ने बताया कि 1995 में वे राज्य मंत्री थे और मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे (Mumbai-Pune Expressway) के लिए उनके पास रिलायंस (Reliance) का एक टेंडर आया था। ये टेंडर 3600 करोड़ रुपए का था, जो नितिन गडकरी को बहुत ज्यादा लगा। ऐसे में उन्होंने रिलायंस का टेंडर रिजेक्ट कर दिया, जिसके चलते ना सिर्फ रिलायंस के धीरू भाई अंबानी, बल्कि तत्कालीन मुख्यमंत्री और बाला साहेब भी नाराज हो गए थे।