सार

किशोर के दादा पर आरोप है कि एक्सीडेंट का दोष लेने के लिए उन्होंने अपने ड्राइवर को कथित तौर पर धमकी दी साथ ही उसे नकद व अन्य गिफ्ट देने का लालच भी दिया।

Pune Porsche Accident case: पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट केस में शहर की एक अदालत ने इस एक्सीडेंट में शामिल किशोर के दादा को 28 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। किशोर के दादा पर आरोप है कि एक्सीडेंट का दोष लेने के लिए उन्होंने अपने ड्राइवर को कथित तौर पर धमकी दी साथ ही उसे नकद व अन्य गिफ्ट देने का लालच भी दिया। पुलिस ने उनको ड्राइवर को गलत तरीके से बंधक बनाने के आरोप में अरेस्ट किया था।

किशोर के दादा और उसके पिता विशाल अग्रवाल एक रियल एस्टेट डेवलपर हैं। उन पर आईपीसी की धारा 365 (किसी व्यक्ति को गुप्त रूप से और गलत तरीके से कैद करने के इरादे से अपहरण करना) और 368 (गलत तरीके से छिपाना या कैद में रखना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

उधर, इस मामले में किशोर के पिता पहले ही अरेस्ट किए जा चुके हैं। शुक्रवार को दिल्ली कोर्ट ने आरोपी किशोर के पिता को 7 जून तक के लिए जेल भेज दिया। इसके पहले किशोर की जमानत को रद्द करते हुए कोर्ट ने पुनर्विचार कर उसे 5 जून तक कस्टडी में भेज दिया है।

इस हाईप्रोफाइल मामले में पुलिस विभाग ने दो पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। एक्सीडेंट की सूचना वायरलेस कंट्रोल रूम में नहीं देने के आरोप में दो पुलिस वालों को सस्पेंड कर दिया गया है।पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कार्रवाई करते हुए यरवदा पुलिस स्टेशन में तैनात पुलिस निरीक्षक (पीआई) राहुल जगदाले और सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) विश्वनाथ टोडकरी को सस्पेंड कर दिया है। जबकि एक्साइज डिपार्टमेंट ने किशोर को अवैध तरीके से शराब परोसने वाले पब के दोनों लाइसेंस सस्पेंड कर दिए गए हैं।

क्या है पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट केस ?

19 मई 2024 को तेज रफ्तार पोर्शे कार ने बाइक सवार दो लोगों को पुणे में रौंद दिया था। इसमें दोनों की मौत हो गई थी। पुलिस एफआईआर के अनुसार, भारी मात्रा में शराब पीने के बाद किशोर ने तेज स्पीड में अपनी पोर्श कार ड्राइव की। कार करीब 200 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से उसने नशे में चलाई। इस स्पीड में अनियंत्रित होकर वह कल्याणी नगर क्षेत्र में रविवार को दो बाइक सवारों को हिट किया। दोनों की इसमें मौत हो गई। बाइक सवार आईटी प्रोफेशनल्स थे। दोनों अनिस अवधिया और अश्विनी कोष्टा, मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। एक्सीडेंट के बाद स्थानीय लोगों ने आरोपी किशोर को पकड़ा और पुलिस के हवाले कर दिया। इसके बाद उसे पुलिस ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया जहां उसे कुछ ही घंटों में जमानत मिल गई।

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