सार

पुणे में हुए पोर्श कार हादसे को हुए कई दिन बीत चुके हैं। लेकिन हर दिन इस मामले में एक के बाद एक राज खुलते जा रहे हैं। इस मामले में अब चश्मदीद ने ऐसी कई बातें बताई है। जो सुनकर आपके भी होश उड़ जाएंगे।

 

पुणे. पोर्श कार भयंकर स्पीड में थी। इस कारण जैसे ही रईसजादे ने बाइक को टक्कर मारी, वैसे ही बाइक पर सवार लड़की 15 फीट ऊपर उछलकर गिरी थी। जिससे लड़की की मौके पर ही मौत हो गई थी। वहीं कार के सभी एयरबैग्स खुल गए थे। इस कारण वे सभी आसानी से बाहर निकल गए थे। ऐसे में भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने आरोपियों को पकड़कर जमकर पिटाई भी की। इसके बाद जैसे ही पुलिस मौके पर पहुंची। आरोपियों को पुलिस के हवाले कर दिया गया। इस मामले में मंगलवार को क्राइम ब्रांच ने ब्लड सैंपल बदलने के लिए दिये गए 3 लाख रुपए भी जब्त कर लिये हैं।

 

ब्रह्मा रियलटी बिल्डर का बेटा

ये बात मौके पर मौजूद चश्मदीद गवाहों ने बताई। उन्होंने कहा कि जब भीड़ द्वारा लड़कों को पीटा जा रहा था, तभी किसी ने रईसजादे को भी पहचान लिया था। तो पीछे से आवाज आने लगी कि ये तो ब्रह्मा रियलटी बिल्डर का बेटा है। लेकिन तब तक आरोपी को पुलिस के हवाले कर दिया था। पुलिस ने इस मामले में आरोपी को बालिग की तरह ही सजा देने की अपील की थी। लेकिन कोर्ट से नाबालिग को कुछ शर्तों के आधार पर छोड़ दिया था।

ये था पूरा मामला

दरअसल ब्रह्मा रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल का 17 वर्षीय बेटा शराब के नशे में पोर्श कार दौड़ा रहा था। तभी उसने बाइक पर सवार होकर घर जा रहे दो इं​जिनियरों को कुचल दिया था। जिसमें एक लड़की की मौके पर मौत हो गई थी। वहीं लड़के की इलाज के दौरान मौत हुई थी। इस घटना के बाद आरोपी की कुछ ही घंटों में जमानत हो गई थी। चूंकि वह नाबालिग था। इस कारण उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई। लेकिन ​जो हादसा उसने किया था। उससे हर कोई चाहता था कि उन्हें भी आरोपी की तरह ही सजा मिले। आपको बतादें कि नाबालिग फिलहाल सुधार गृह में है। उसे नाबालिग होने के कारण चंद शर्तों पर जमानत मिल गई थी।

पुणे पोर्श कार के कुछ अहम खुलासे

  • लग्जरी कार को चला रहा रईसजादा शराब के नशे में पूरी तरह धुत था। इसी कारण उसने दो इंजीनियरों को कुचल दिया था।
  • आरोपी का ब्लड सैंपल जांच में गड़बड़ी हुई है। बताया जा रहा है कि उसका ब्लड सैंपल डस्टबीन में डाल​ दिया और दूसरा सैंपल लिया गया। ताकि उसे बगैर नशे में साबित किया जा सके।
  • ब्लड सैंपल बदलने के मामले में पुलिस ने डॉक्टरों को भी गिरफ्तार किया है।
  • ब्लड सैंपल बदलने के लिए 3 लाख रुपए दिये थे। जो क्राइम ब्रांच ने जब्त कर लिये हैं।
  • नाबालिग का एक ब्लड सैंपल पिता के डीएनए से मैच हो गया था। जबकि दूसरा सैंपल डीएनए से मैच नहीं हुआ था। क्योंकि एक सैंपल ससुन अस्पताल में लिया गया था। वहीं दूसरा सैंपल औंध अस्पताल में लिया गया था। चूंकि ससुन अस्पताल में लिया गया सैंपल डीएनए से मैच नहीं हुआ, इससे साफ पता चलता है कि वह सैंपल ही गलत था।
  • इस मामले में पुलिस का कहना है कि उसके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज हुआ है। ऐसे में उसके खून में अल्कोहल है या नहीं उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।
  • सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से भी साफ पता चल रहा है कि कार कोई दूसरा नहीं बल्कि खुद आरोपी नाबालिग चला रहा था। क्योंकि सीसीटीवी में साफ नजर आ रहा है कि जब वह पब में जाने के लिए उतरता है। तो कार भी खुद ही चला रहा था। क्योंकि लड़का ड्राइवर सीट से ही नीचे उतरता नजर आया था।
  • आरोपी के घरवालों द्वारा ड्राइवर पर दबाव बनाकर उसे कार चलाने का आरोपी बनाने की साजिश रची गई थी। जिसके तहत ड्राइवर ने भी झूठा बयान दिया था कि वह कार चला रहा था। लेकिन जो तथ्य सामने आए हैं। उससे साफ पता चल रहा है कार नाबालिग ही चला रहा था।
  • चश्मदीद गवाहों के बयान से भी साफ हो गया कि कार ड्राइवर नहीं बल्कि खुद नाबालिग चला रहा था। इस मामले में पुलिस ने नाबालिग के दादा सुरेंद्र अग्रवाल को ड्राइवर का अपहरण करने के मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
  • नाबालिग को बचाने के चक्कर में घरवालों ने घर के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से भी छेड़छाड़ की। इसी के साथ हादसे के तुरंत बाद वडगांव शेरी के विधायक सुनील टिंगरे भी यरवडज्ञ पुलिस स्टेशन पहुंच गए थे। जिससे लग रहा था कि विधायक ने भी इस केस को प्रभावित करने की कोशिश की है। लेकिन पुलिस का इस मामले में कहना है कि विधायक यहां आए जरूर थे। लेकिन इससे इस केस पर कोई फर्क नहीं पड़ा है।

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