सार

अगर किसी महिला को ओमान में अच्छी जॉब का ऑफर मिला है, तो एक बार एजेंट के बारे में जांच-पड़ताल कर लें। ओमान में नौकरी के बहाने भारतीय महिलाओं को देह व्यापार में धकेलने के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। मुंबई पुलिस ने एक ऐसे ही गिरोह को पकड़ा है। 

मुंबई. अगर किसी महिला को ओमान में अच्छी जॉब का ऑफर मिला है, तो एक बार एजेंट और कंपनी के बारे में जांच-पड़ताल कर लें। ओमान में नौकरी के बहाने भारतीय महिलाओं को देह व्यापार में धकेले जाने के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। मुंबई पुलिस ने एक ऐसे ही गिरोह को पकड़ा है। इससे पहले पंजाब के जालंधर में भी पीड़ि महिलाओं ने अपनी आपबीती बताई थी।

पढ़िए 12 पाइंट्स में कैसे जाल में फंसीं ये महिलाएं

1. मीरा भायंदर-वसई विरार (MBVV) में कश्मीर पुलिस ने अगस्त में इस मामले में FIR दर्ज की थी। पुलिस डिप्टी कमिश्नर (जोन I) जयंत बजबाले, सीनियर इंस्पेक्टर संदीप कदम और सब इंस्पेक्टर सूरज जगताप के मार्गदर्शन में पुलिस की एक टीम ने पिछले सप्ताह इससे कनेक्ट आरोपी को पकड़ा था।

2.इस मामले में बुधवार(8 मार्च) को दावा किया कि यह उनके NGO छत्रपति मराठा साम्राज्य संगठन द्वारा एक अंडरकवर ऑपरेशन था। उन्होंने बताया कि कुछ पीड़ितों के परिवार इस तरह की शिकायत लेकर एनजीओ के पास आए थे।

3. NGO की एक सदस्य ने कहा-“मुझे पता चला कि एजेंटों का एक गिरोह महिलाओं को घरेलू नौकर, मॉल में सेल्स गर्ल, नर्स वगैरह के रूप में काम करने के आफर के साथ ओमान भेज रहा था। लेकिन वहां इन महिलाओं को जबरन देह व्यापार में धकेल दिया गया था।"

4. पीड़ित महिलाओं के परिवारों ने NGO को बताया कि विदेश में नौकरी की तलाश कर रही महिलाओं को जस्टडायल पर एजेंटों के संपर्क नंबर मिले थे।

5. NGO की एक सदस्य ने बताया कि अंडरकवर ऑपरेशन के तहत वो पीड़ित बनकर पेश हुई-"मैंने एक नंबर पर कॉल किया और नमिता से संपर्क किया, जिसने मुझे ओमान में नौकरी की पेशकश की।"

6.आगे कहा-"मैं 27 जुलाई, 2022 को ओमान पहुंची। वहां अन्य महिलाओं के वीडियो और तस्वीरें लीं और उन्हें वहां रहने वाले हमारे दो एनजीओ सदस्यों-जितेंद्र पवार और नवीन मोरे को भेजे।"

7. आगे बताया गया-"जब ओमान में एजेंटों को पता चला कि मैंने फोटो लिए हैं, तो उन्होंने मुझ पर हमला किया और मुझे सात-आठ अन्य महिलाओं के साथ एक कमरे में बंद कर दिया। हमने एसी हटा दिया और वहां से भाग गए। मैंने उन महिलाओं को सीधे भारतीय दूतावास जाने के लिए कहा।"

8.NGO मेंबर यानी शिकायकर्ता ने कहा कि उसने अपने एनजीओ सहयोगियों के साथ अपनी अंतिम लोकेशन शेयर की और मदद मांगी। हमारे एनजीओ के सदस्यों ने मुझे वहां से निकालने के लिए ओमान एजेंटों को 1.6 लाख रुपये का भुगतान किया।

9. पीड़िता ने ओमान में भारत, श्रीलंका, अफ्रीका, नाइजीरिया, बांग्लादेश और मलेशिया की लगभग 70 महिलाओं को देखने का दावा किया। ओमान में एजेंटों ने महिलाओं को उठाया और अपने ग्राहकों के पास भेज दिया।

10.NGO ने कहा कि एक बार कैम्प में वापस आने पर महिलाएं शेयर करेंगी कि कैसे ग्राहकों ने उनका यौन उत्पीड़न किया और उन्हें पूरे दिन काम करने के लिए मजबूर किया।

11.NGO से जुड़ी महिला 2 अगस्त को भारत लौटी और पीड़िता के रूप में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। यह पूछे जाने पर कि उसने अपने अंडरकवर ऑपरेशन का खुलासा पहले क्यों नहीं किया? शिकायतकर्ता ने कहा कि वह पहले चाहती थी कि पुलिस गिरोह के सदस्यों को पकड़े।

12. महिला ने कहा उसके NGO ने ओमान में बंधक महिलाओं को छुड़वाने के लिए प्रधानमंत्री, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखा है। महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग से संपर्क करने के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की है।

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