प्रभावित कर्मचारियों ने शिकायत की है कि सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और उन्हें उचित मुआवजा भी नहीं दिया गया। TCS ने इस साल की शुरुआत में घोषणा की थी कि इस साल 12,000 से ज़्यादा कर्मचारी अपनी नौकरी खो देंगे।
पुणे: जानी-मानी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने कथित तौर पर अपने पुणे ऑफिस के कर्मचारियों को नौकरी से इस्तीफा देने के लिए कहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों में TCS ने सैकड़ों कर्मचारियों को टर्मिनेशन नोटिस दिया है। कुछ कर्मचारियों ने नौकरी पर वापस रखने की मांग करते हुए लेबर कमिश्नर से शिकायत की है। वहीं, कुछ महिला कर्मचारियों ने भी शिकायत की है कि उन्हें मैटरनिटी लीव के दौरान इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया।
प्रभावित कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी ने सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया और उन्हें पर्याप्त मुआवजा भी नहीं दिया। इस साल की शुरुआत में, TCS ने घोषणा की थी कि इस साल 12,000 से ज़्यादा कर्मचारी अपनी नौकरी खो देंगे। TCS ने यह भी बताया था कि वह इस साल अपने कुल ग्लोबल वर्कफोर्स का 2 प्रतिशत हिस्सा कम करेगी। इसके मुताबिक, कंपनी 12,261 कर्मचारियों को निकाल सकती है। भारत के सभी ऑफिसों पर अब इसका असर दिख रहा है। अब एक नई रिपोर्ट सामने आई है कि कंपनी ने पिछले कुछ दिनों में पुणे ऑफिस से 365 कर्मचारियों को निकाल दिया है।
नौकरी से निकालने की वजह
TCS असल में AI का इस्तेमाल करके नौकरियों में कटौती कर रही है। माना जा रहा है कि कंपनी का यह कदम उसे अपना मुनाफा बनाए रखने और बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने में मदद करेगा। आजकल आईटी सेक्टर की बड़ी कंपनियों के लिए AI में भारी निवेश करना और कर्मचारियों की संख्या कम करना एक ग्लोबल ट्रेंड बन गया है।
30 जून 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, TCS में 6,13,069 कर्मचारी हैं। अप्रैल-जून तिमाही में 5,000 नए कर्मचारियों को काम पर रखा गया है। कंपनी ने पहले ही घोषणा की थी कि उसका लक्ष्य तकनीकी निवेश, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बाजार के विकास और वर्कफोर्स के पुनर्गठन पर ध्यान केंद्रित करना है।
