अमृतसर : जलियांवाला बाग नरसंहार (Jallianwala Bagh Massacre) को 103 साल हो गए हैं लेकिन जख्म आज भी ताजा हैं। 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर (Amritsar) के जलियांवाला बाग में जो कुछ हुआ था, वह दुनिया के सबसे भयानक नरसंहारों में एक माना जाता है। तब निहत्थे और निर्दोष लोगों पर जनरल डायर (General Dyer) ने गोलिया चलवाईं थी। चारों तरफ अफरा-तफरी थी। लोग जान बचाकर इधर-उधर भाग रहे थे तो कई वहां मौजूद कुएं में कूद गए थे। यह कुआं आज भी उस काले दिन के निशान अपनी गहराईयों में लिए हुए है। भले ही कुएं का रेनोवेशन कर दिया गया हो लेकिन नहीं बदला जा सका है तो वह मंजर जो आज भी सिरहन पैदा करता है। पढ़िए उस कुएं की कहानी, जो लाशों से पट गया था...