सार

बांसवाड़ा में 14 महीने के बच्चे की विक्स का ढक्कन निगलने से मौत। समय पर इलाज न मिलने से हुई ये दर्दनाक घटना। 18 साल बाद माँ बने थे बच्चे के माता-पिता।

बांसवाड़ा. 18 साल की मन्नत के बाद पैदा हुआ बेटा, विक्स की डिब्बी के कारण चौदह महीने बाद मौत बांसवाड़ा बांसवाड़ा के लोहारी थाना क्षेत्र के सरेड़ी बड़ी कस्बे में 14 महीने के मासूम की मौत ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया। बच्चा खेलते-खेलते विक्स की डिब्बी का ढक्कन निगल गया था, लेकिन समय पर इलाज न मिलने के कारण उसकी जान चली गई।

खेल-खेल में आ गई मासूम को मौत…

सरेड़ी बड़ी के निवासी हीरेन जोशी का बेटा मानविक सोमवार रात विक्स की डिब्बी से खेल रहा था। खेल-खेल में उसने डिब्बी का ढक्कन निगल लिया। बच्चे की हालत बिगड़ते देख परिजन उसे तुरंत सरेड़ी बड़ी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, लेकिन वहां डॉक्टर न मिलने पर उन्हें निराशा हाथ लगी। स्वास्थ्य केंद्र में केवल एक नर्स और चपरासी मौजूद थे। डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण परिजन बच्चे को बांसवाड़ा जिला अस्पताल लेकर जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। दुखी परिजन बच्चे को लेकर वापस घर लौट गए।

18 साल के बाद जाकर मन्नत पूरी हुई और…

अस्पताल में हंगामा देर रात गुस्साए परिजन और स्थानीय लोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और वहां हंगामा कर दिया। उन्होंने अस्पताल का ताला लगाकर चिकित्सा विभाग और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। परिजनों का आरोप था कि डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण बच्चे को समय पर इलाज नहीं मिल सकाए जिससे उसकी जान चली गई। मृतक के पिता हीरेन जोशी सरकारी टीचर हैं। मानविक उनकी तीसरी संतान था। इससे पहले दो बेटियां हैं। परिवार बेटे के लिए 18 साल से तरस रहा था। 18 साल के बाद जाकर मन्नत पूरी हुई, लेकिन नियती ने बच्चे को चौदह महीने के बाद ही छीन लिया। असमय मौत ने सभी को गहरे सदमे में डाल दिया है।

शायद, चाहते तो बच जाता मासूम

उधर स्थानीय लोगों ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर अक्सर गैर मौजूद रहते हैं। इमरजेंसी में भी इलाज नहीं मिल पाता, जिससे ग्रामीणों को असुविधा झेलनी पड़ती है। मौके पर पहुंचे ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को समझाइश की और स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया। इसके बाद मामला शांत हुआ।