सार

राजस्थान की शिक्षा नगरी कहे जाने वाले कोट से एक अजब-गजब मामला सामने आया है। जहां पढ़ने-लिखने की उम्र में लड़का-लड़की मम्मी पापा बन गए। चौदह साल की उम्र में लड़की की शादी और पंद्रह की उम्र में बच्चा पैदा हो गया। इतना ही नहीं पति की उम्र 18 साल है।

 

कोटा. खबर राजस्थान को कोटा जिले से हैं लेकिन केस कोटा के पड़ोसी जिले चित्तौडगढ़ का है। दरअसल चौदह से लेकर बीस साल तक की उम्र पढ़ने लिखने और कैरियर बनाने की होती है। लेकिन इतनी सी उम्र में बच्चे मम्मी पापा बन गए। उसके बाद जो परिणाम आए वह भी जान लें.....। परिणाम आए कि बच्ची ने डेढ़ किलो की एक बच्ची को जन्म दिया है जो चार दिन से अस्पताल में भर्ती है। अब कोटा जिले की रावतभाटा पुलिस और बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था चाइल्ड वेलफेयर कमेटी.... दोनो इस मामले में जांच पड़ताल कर रहे हैं।

शिक्षा नगरी कोटा है यह मामला

कोटा जिले के जनाना अस्पताल से इस बारे से सूचना चाइल् वेलफेयर कमेटी को पहुंची तो वे लोग कार्रवाई के लिए आए। देखा तो पता चला कि बच्ची की उम्र करीब पंद्रह साल लग रही थी। जबकि अस्पताल के कार्ड में उसकी उम्र करीब 18 साल लिखाई गई थी। जबकि आधार कार्ड में बारह साल की उम्र के हिसाब से वह पंद्रह की हो रही थी। पता चला कि चौदह साल की उम्र में शादी हो गई और पंद्रह की उम्र में बच्चा हो गया।

अजब गजब... पढ़ने-लिखने की उम्र में मम्मी पापा बन गए बच्चे

चित्तौडगढ़ में बच्चा पैदा होना था लेकिन केस बिगड़ गया और कोटा रेफर कर दिया गया। यहां आकर भी मुश्किल से डिलेवरी हो सकी। बच्चे की हालत खराब है। उसका वजन सिर्फ डेढ़ किलो बताया जा रहा है जो कि औसत वजन से करीब आधा है। बच्ची से पूछताछ में पता चला कि उसके पति की उम्र करीब 18 साल है। लड़की की मां ने पुलिस को बताया कि उनके समाज में कम उम्र में शादी हो जाती हैं। अब पुलिस और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी नियमानुसार कार्रवाई कर रहे हैं।