सार

राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बचे कुछ ही महीने के समय में सीएम गहलोत ने हर वर्ग को साधने का तगड़ा प्लान बना लिया था। इसके लिए महंगाई राहत स्कीम जैसी योजनाएं चलाई। अब प्रदेश के किसानों को साधने के लिए राजस्थान किसान महोत्सव कार्यक्रम चलाया।

जयपुर (jaipur news). राजस्थान में विधानसभा चुनाव में महज 4 महीने से भी कम समय का बचा हुआ है। चुनावी साल के बजट में जहां सीएम अशोक गहलोत ने हर वर्ग को साधने की कोशिश की लेकिन सीएम अशोक गहलोत और उनकी सरकार अब राजस्थान के किसानों को साधने के लिए नया प्रोग्राम लेकर आई है। इस प्रोग्राम का आयोजन राजस्थान में स्टेट लेवल और संभाग स्तर पर होगा। जो 15 जून से 30 जुलाई तक चलेगा। इसमें राजस्थान सरकार के कई जनप्रतिनिधि और बड़े बड़े अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।

राजस्थान में सीएम ने किसानों के लिए चलाया किसान महोत्सव कार्यक्रम

इस कार्यक्रम का नाम है राजस्थान किसान महोत्सव। सबसे पहले यह कार्यक्रम राजधानी जयपुर के सीतापुरा में आयोजित होने वाला है। इस कार्यक्रम में प्रदेश के करीब 50 हजार किसान मौजूद रहने वाले हैं। 3 से 4 दिन तक चलने वाले इस प्रोग्राम में किसानों को अपनी फसलों को मंडियों तक बेचने, कृषि और अन्य कामों में काम आने वाले संसाधनों की जानकारी दी जाएगी। इसके बाद यह कार्यक्रम संभाग स्तर पर आयोजित होगा। जिसमें राजस्थान के जोधपुर और उदयपुर संभाग में भी अगले 1 महीने में इस तरह के महोत्सव आयोजित होंगे। हालांकि संभाग स्तर पर आयोजित होने वाले इस महोत्सव में केवल 20 हजार किसान शामिल होंगे।

किसान महोत्सव से पहले ही सीएम ने जारी किया था कृषि बजट

राजनीतिक जानकारों की मानें तो राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने से पहले सीएम अशोक गहलोत का यह एक मास्टर स्ट्रोक है। जिसके जरिए सरकार किसानों को अपने पक्ष में लेने का काम करेगी। गौरतलब है कि इससे पहले सीएम अशोक गहलोत ने बीते 2 सालों में कृषि बजट अलग से जारी किया था। बजट के दौरान केवल एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए ही घोषणा की गई थी। वही इस प्रोग्राम के तहत सरकार प्रयास करेगी कि ज्यादा से ज्यादा युवा किसानों को अपने साथ जोड़ सके। इससे पहले बजट में भी सरकार ने किसानों और पशुपालन का काम करने वाले लोगों के लिए कामधेनु योजना लागू की। जिसके तहत दुधारू पशुओं की मौत पर मुआवजा दिया जा रहा है।

आपको बता दें कि राजस्थान में आज भी 54% आबादी किसानी पर ही निर्भर है। ऐसे में राजस्थान में पार्टी को किसान वर्ग को भी ध्यान में रखना पड़ता है। हालांकि राजनीतिक जानकारों की मानें तो प्रदेश की मौजूदा सरकार ने बीते 2 सालों में ही किसानों के लिए ज्यादातर घोषणा की है। इसे लेकर किसान वर्ग में आक्रोश भी देखने को मिल सकता है।

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