सार
अलवर. राजस्थान के अलवर शहर में एक मंडी व्यापारी को ठगी का शिकार बनाने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी सतर्कता और पड़ोसी की मदद से यह वारदात टल गई। यह मामला 7 दिसंबर का है, जब साइबर ठग ने व्यापारी रामवतार गुप्ता को फोन कर उनके बेटे को किडनैपिंग के केस में कस्टडी में होने की झूठी कहानी सुनाई।
''पापा-पापा बचाओ... वरना ये लोग मार देंगे...'
रामवतार गुप्ता ने बताया कि सुबह करीब 11 बजे उनके पास एक अनजान नंबर से फोन आया। कॉलर ने खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए कहा कि उनका बेटा एक अपहरण केस में गिरफ्तार है। फोन पर एक व्यक्ति ने... पापा, बचाओ... वरना ये लोग मार देंगे... कहकर डराने की कोशिश की। इसके बाद ठग ने तुरंत तीन लाख रुपये भेजने की मांग की।
कॉलर के नंबर और डीपी को देखकर चल गया था पता
घबराए हुए रामवतार पड़ोस में रहने वाले व्यापारी सत्य विजय के पास मदद के लिए पहुंचे। सत्य विजय ने ठंडे दिमाग से मामले को समझा और कॉलर के नंबर और डीपी को देखकर तुरंत पहचान लिया कि यह ठगी का मामला है। सत्य विजय ने रामवतार को बताया कि एक दिन पहले उनके भतीजे के पास भी ऐसा ही फोन आया थाए जिसमें उन्हें पैसे भेजने के लिए धमकाया गया था।
सूझबूझ से बज गई जान…नहीं तो दुल्हन….
इस दौरान रामवतार ने बताया कि उनका बेटा यतिन अपनी पत्नी के साथ हनीमून पर श्रीनगर गया हुआ था, जिससे उसका फोन बंद आ रहा था। ठग ने इस जानकारी का फायदा उठाते हुए कहानी गढ़ी कि यतिन को किडनैपिंग केस में गिरफ्तार किया गया है।रामवतार ने ठग को फोन कर कहा कि वह पुलिस को कॉल पर जोड़ रहे हैं। इतना सुनते ही ठग ने तुरंत फोन काट दिया। रामवतार की सतर्कता और सत्य विजय की समझदारी से यह ठगी की वारदात टल गई। हांलाकि पिता ने बाद में बेटे को फोन किया और जल्द से जल्द वापस घर आने के लिए कहा।