Alwar Shocking Crime : राजस्थान के अलवर जिले से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। जिसने सारी इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। यहां एक शादीशुदा महिला का अपहरण करके11 लोगों ने 7 दिनों तक उसका गैंगरेप किया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है

Alwar News : राजस्थान के अलवर जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। यहां एक महिला के साथ कथित रूप से बोलेरो वाहन में 7 लोगों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म किया गया। पीड़िता को 11 दिन तक बंधक बनाकर शारीरिक और मानसिक शोषण का शिकार बनाया गया। अब जब न्याय की मांग की जा रही है, तो परिवार पुलिस और प्रशासन के चक्कर काटने को मजबूर है।

बोलेरो से आए 7 लोग घर से महिला को उठाने

घटना 25 अप्रैल 2025 की रात की बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, पीड़िता रात करीब 9 बजे शौच के लिए घर से बाहर गई थी, तभी बोलेरो सवार करीब सात युवक उसे जबरन गाड़ी में खींचकर पनियाला रोड की तरफ ले गए। वहीं, वाहन में ही सभी आरोपियों ने बारी-बारी से उसके साथ कथित रूप से गैंगरेप किया।

11 दिन तक बारी-बारी करते रहे दरिंदगी

पीड़िता द्वारा विरोध करने पर आरोपियों ने उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया और जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद उसे एक सुनसान जगह पर ले जाकर लगातार 11 दिन तक बंधक बनाकर उसके साथ दरिंदगी की गई। इस दौरान महिला का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी भी दी गई।

 आपबीती सुन परिवार का कलेजा कांप गया

घटना के बाद आरोपी महिला को बेहोशी की हालत में सड़क किनारे फेंककर फरार हो गए। होश में आने के बाद पीड़िता किसी तरह अपने घर पहुंची और परिवार को पूरी आपबीती बताई। लेकिन आरोपियों के प्रभाव और धमकियों के चलते परिवार रिपोर्ट दर्ज करवाने से डरता रहा।

कोर्ट के आदेश पर 2 जून को बगड़ तिराया थाने में मामला दर्ज

जब स्थानीय थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई, तो परिजन कोर्ट की शरण में पहुंचे। कोर्ट के आदेश पर 2 जून को बगड़ तिराया थाने में मामला दर्ज किया गया। इसके बावजूद अब तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। मामले की जांच रामगढ़ के डीएसपी सुनील कुमार शर्मा को सौंपी गई है।

पीड़िता अलवर एसपी संजीव नैन से मिली

हालात से परेशान होकर पीड़िता ने अब अपने परिवार के साथ अलवर एसपी संजीव नैन से मुलाकात की और जल्द कार्रवाई की मांग की। एसपी ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह मामला न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि पीड़ित परिवार की न्याय के लिए लड़ाई, व्यवस्था की उदासीनता और सामाजिक दबाव को भी उजागर करता है।