Accused Slits Throat In Lockup: बांसवाड़ा के कलिंजरा थाने में मर्डर के आरोपी एक बुजुर्ग ने खुद का गला नुकीली चीज से काट लिया। थाने में अफरा-तफरी मच गई। गंभीर हालत में उसे एमजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामला एक टीचर के पति की हत्या से जुड़ा है।
Banswara News: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले से एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसने पूरे पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। कलिंजरा थाने में हत्या के आरोप में बंद एक बुजुर्ग आरोपी ने थाने के भीतर ही खुद का गला काट लिया। घटना ने सुरक्षा इंतज़ामों और पुलिस की निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मर्डर केस में था गिरफ्तार, अचानक उठा लिया जानलेवा कदम
बताया जा रहा है कि आरोपी एक बुजुर्ग व्यक्ति है, जिस पर एक महिला शिक्षक के पति की हत्या का आरोप था। आरोपी को पूछताछ के लिए थाने लाया गया था। लेकिन पूछताछ के दौरान उसने नुकीली वस्तु से अपने ही गले पर वार कर लिया। घटना इतनी तेजी से घटी कि पुलिसकर्मियों को संभलने का मौका तक नहीं मिला।
थाने में मची अफरा-तफरी, गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती
घटना के बाद थाने में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। आनन-फानन में घायल आरोपी को पास के एमजी अस्पताल, बांसवाड़ा में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के अनुसार आरोपी की हालत गंभीर बनी हुई है। अब उसका इलाज चल रहा है और अस्पताल में पुलिस सुरक्षा तैनात कर दी गई है।
कैसे पहुंची नुकीली वस्तु आरोपी तक?
पुलिस के जवाब अधूरे इस पूरे घटनाक्रम के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि एक थाने के भीतर कोई आरोपी नुकीली वस्तु तक कैसे पहुंच गया? क्या तलाशी में चूक हुई या फिर थाने के भीतर किसी लापरवाही से ये घटना हुई? पुलिस अधिकारी इस पर स्पष्ट जवाब देने से बचते नजर आ रहे हैं, लेकिन जांच के आदेश जरूर दे दिए गए हैं।
पुलिस थानों में सुरक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में
यह घटना न केवल बांसवाड़ा पुलिस के लिए शर्मिंदगी का विषय है बल्कि प्रदेशभर में पुलिस थानों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवालिया निशान लगा देती है। क्या थानों में बंद आरोपियों की निगरानी पर्याप्त है? क्या CCTV काम कर रहे थे? क्या मैनुअल तलाशी नियमों का पालन किया गया था?
जांच शुरू, लेकिन कई सवाल अब भी अनुत्तरित
फिलहाल पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। हालांकि इस तरह की घटनाएं पुलिस विभाग की विश्वसनीयता और सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर आम जनता के मन में चिंता और संशय जरूर पैदा करती हैं।
