Rajasthan News: बाड़मेर के भारतीय सेना के जवान को गिरफ्तार किया है। जो अपनी प्रेमिका संग मिलकर अफ़ीम तस्करी करता था। जिसने लालच और प्रेम के चक्कर में वर्दी छोड़ दी और अपराध की राह पर चल पड़ा।
Rajasthan News : दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 7 जुलाई की रात दक्षिण दिल्ली के कालिंदी कुंज इलाके से 18.108 किलो अफीम के साथ तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि मुख्य आरोपी कोई आम युवक नहीं, बल्कि भारतीय सेना का पूर्व जवान निकला है। उसने लालच और प्रेम के चक्कर में वर्दी छोड़ दी और अपराध की राह पर चल पड़ा।
बाड़मेर के जवान की चौंकाने वाली कहानी
सेना से तस्करी तक: 3 लाख की पेशकश में बदला रास्ता आरोपी गोधु राम बाड़मेर जिले का रहने वाला है। फरवरी 2024 में छुट्टी पर घर आने के दौरान वह संचोर के एक तस्कर भगीरथ से मिला। उसकी आलीशान लाइफस्टाइल और हर ट्रिप पर 3 लाख रुपये की कमाई ने गोधु को बहका दिया। जल्द ही उसने सेना की नौकरी से इस्तीफा दे दिया और अफीम तस्करी के धंधे में उतर गया।
जवान गर्लफ्रेंड को एक ट्रिप का देता था 50 हजार
प्रेमिका और गांव के दोस्त को भी साथ जोड़ा गोधु ने अपने गांव के दोस्त पीरा राम और प्रेमिका देवी को भी इस गैरकानूनी काम में शामिल कर लिया। दोनों को प्रति ट्रिप ₹50,000 देने का वादा किया गया। मई 2025 में, इस तिकड़ी ने मणिपुर के सेनापति जिले से 18 किलो अफीम लेकर दिल्ली की ओर सफर शुरू किया।
दिल्ली-आगरा कैनाल रोड पर बिछाया था जाल
23 लाख की डील, दिल्ली पहुंचने से पहले गिरफ्तार दिल्ली-आगरा कैनाल रोड पर मेट्रो पिलर नंबर 193 के पास पुलिस ने जाल बिछाया और गुप्त सूचना के आधार पर एक क्रेटा कार (नंबर 24BH4615C) को रोका। कार की सीट के नीचे छिपाए गए पैकेट्स में अफीम बरामद हुई। 18 पैकेट्स में भूरे और काले टेप में लिपटा अर्ध-तरल पदार्थ मिला, जिसे जांच में अफीम पाया गया। यह खेप रमेश मैती नाम के व्यक्ति ने दिल्ली में डिलीवर करवानी थी।
मणिपुर से अफीम राजस्थान और दिल्ली में होती थी सप्लाई
अब तलाश है बड़े तस्करों की पुलिस ने गोधु राम के लिए 5 दिन की और बाकी दोनों के लिए 1 दिन की रिमांड मांगी है। गोधु राम का दावा है कि वह सरगना रमेश मैती और सरवण बिश्नोई तक पुलिस को पहुंचा सकता है। यह गिरोह मणिपुर से अफीम लाकर राजस्थान और दिल्ली में सप्लाई करता था।
जब रक्षक ही बन जाए तस्कर, तो भरोसा कहां रहेगा?
ये मामला सिर्फ ड्रग्स का नहीं है, ये चेतावनी है — जब एक सैनिक भी लालच और मोह में फंस जाए, तो समाज की जड़ें कितनी कमजोर हो सकती हैं। पुलिस की कार्रवाई ने भले इस बार एक तस्करी रोकी हो, लेकिन असली जरूरत है ऐसे नेटवर्क को जड़ से खत्म करने की।
