सार

राजस्थान के बाड़मेर शहर से बहुत ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां तस्करी के लिए उपयोग किए गए आलू के बोरों को पुलिस जब्त कर थाने ले आई लेकिन उनके सड़ने से इतनी दुर्गंध फैल रही की स्टाफ थाना छोड़कर दूर रहने को हुआ मजबूर।

बाड़मेर (barmer News). खबर राजस्थान के बाड़मेर शहर से है। शहर की सदर थाना पुलिस इतनी परेशान है कि थाना लगभग खाली है। हालांकि पुलिस स्टाफ थाने के आसपास ही मौजूद है और मोबाइल फोन पर उपलब्ध है, लेकिन वह लोग अपने कमरे में नहीं बैठ रहे हैं। इसकी वजह कोई बड़ा बदमाश नहीं, ना ही कोई सरकारी आर्डर है, इसकी वजह है आलू है। जी हां आपने सही पढ़ा है। बाड़मेर जिले की सदर पुलिस आलू से परेशान है। अब पुलिस के सामने सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि ना तो पुलिस इस आलू को फेंक सकती है और ना ही थाने से कहीं दूसरी जगह पर ले जा सकती है। यह पूरा मामला 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की नशे की तस्करी से जुड़ा हुआ।

आलू से परेशान है राजस्थान की बाड़मेर पुलिस

दरअसल 25 मई को सदर थाना पुलिस ने एक ट्रक पकड़ा। उसमें आलू के कट्टे भरे हुए थे। पुलिस को शक था कि इस ट्रक में नशा भी हो सकता है। ऐसे में आलू के 100 से ज्यादा कट्टे पुलिस ने नीचे उतरवाए तो पुलिस का शक सही निकला। ट्रक से करीब सवा 2 हजार किलो डोडा पोस्त बरामद हुई। बाजार में इसकी कीमत करीब 1 करोड़ रुपए थी। यह बरामदगी पुलिस ने बलाऊ गांव में की थी। पूछताछ में पता चला कि यह माल झारखंड राज्य से राजस्थान लाया गया था और जालौर जिले के सांचौर इलाके से होता हुआ यह माल बाड़मेर पहुंचा था। बाड़मेर से इसे अन्य जिलों में भेजा जाना था। पुलिस ने 2 लोगों को पकड़ा था और उसके बाद रुपए की डोडा पोसत थाने लाई गई थी।

आलू के बोरों में छुपाई थी करोड़ की नशे की सामग्री

इस डोडा पोस्त के साथ पुलिस ने आलू के 100 से ज्यादा कट्टे भी बरामद किए थे। उनको भी कागजी कार्रवाई करने के बाद थाने के माल खाने में जमा करा दिया गया। माल खाना छोटा होने के कारण आलू के कट्टों को मालखाने के बाहर लॉबी में रख दिया गया। लेकिन अब इतने दिन बीत जाने के बाद भी आलू के इन कटों का डिस्पोजल नहीं किया जा सका तो अब कट्टो में भरे हुए आलू सढ़ने लग गए।

आलू सड़ने की दुर्गंध के चलते पुलिस थाना छोड़कर रह रही दूर

सदर पुलिस थाने में इतनी दुर्गंध आने लग गई कि स्टाफ का थाने में बैठना दूभर हो गया। हालात यह है कि इस माल को ना तो वह बेच सकते हैं। ना जानवरों को खिला सकते हैं और ना ही इस माल को कोर्ट में पेश किया जा सकता है। थाना अधिकारी इस माल को डिस्पोजल करने के बारे में पुलिस अधिकारियों से सलाह ले रहे हैं। लेकिन जब तक थाने में पड़े हुए आलू और ज्यादा सड़ रहे हैं। हालात यह हो गई है कि जहां आलू के बोरे रखे हुए हैं वहां पर सुगंधित धूपबत्ती और अगरबत्ती जलाई जा रही है। उसका खर्चा पुलिस वाले खुद की जेब से कर रहे हैं।