सार
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में किसानों ने खेती का तरीका बदल दिया है। जिससे उन्हें बेहतरीन उत्पादन मिलने के साथ ही लागत में भी बचत हो रही है। इसी के साथ मुनाफा भी अच्छा मिल रहा है।
भीलवाड़ा. राजस्थान के भीलवाड़ा जिले को टैक्सटाइल हब के नाम से जाना जाता है। लेकिन अब यहां खेती के क्षेत्र में भी कई नवाचार हो रहे हैं। यहां के किसान अब इजरायल की तकनीक पर बिना मिट्टी और पानी के खेती कर रहे हैं। इस खेती से तैयार हुई सब्जियां और फल बिकने के लिए दिल्ली,गुजरात और मुंबई जैसे राज्य में भी जा रहे हैं।
ऑक्सीजन तकनीक से उगा रहे सब्जियां
इस तकनीक की सबसे खास बात तो यह है कि ऑक्सीजन में भी तकनीक के जरिए सब्जियां उगाई जा सकती है। इसमें सबसे पहले एक एग्रीकल्चर फार्म में स्टैंड बनाया जाता है। इसे इस कदर तैयार किया जाता है कि उसमें लगे पौधों पर लगातार एक निश्चित अनुपात में पानी बहता रहे। इतना ही नहीं इसके साथ कैल्शियम,मैग्नीशियम,सल्फर और आयरन जैसे पोषक तत्व भी उन पौधों को दिए जाते हैं।
कम पानी में बेहतरीन खेती
पारंपरिक खेती की बजाय इस तरीके की खेती में पानी की बचत भी करीब 70 से 80% कम होती है। इस खेती के लिए जरूरी है कि जहां स्टैंड लगा हो वहां पौधों को तापमान 15 से 32 डिग्री के बीच ही मिले। ऐसे में इस तकनीक के जरिए उसे सीजन में भी सब्जियां तैयार हो जाती है जब उनका ऑक्सीजन हो।
एग्रीकल्चर फार्म में एक नवाचार
प्रोफेसर करुणेश सक्सेना बताते हैं कि उन्होंने एग्रीकल्चर फार्म में एक नवाचार किया है। जिसमें उन्होंने मिट्टी की जगह नारियल के भूसे से कॉकपिट का उपयोग करके स्टूडेंट को इस खेती की जानकारी दे रहे हैं। उनका मानना है कि भीलवाड़ा को खेती के क्षेत्र में भी अलग पहचान मिले।