सार

कुछ दिनों में अफीम की फसल की कटाई होनी है। लेकिन अफीम उगाने वाले किसानों की चिंता बढ़ गई है। क्योंकि लाखो रुपए कीमती अफीम को तोते खा रहे हैं। यानि पक्षी नशा कर रहे हैं। हालांकि पुलिस इनको गिरफ्तार करके जेल भी भेज रही है।

 

जोधपुर. राजस्थान के मेवाड़ और मालवा इलाके को वहां के शौर्य गाथाओं के लिए तो जाना ही जाता है। लेकिन अफीम की खेती के मामले में पूरे राजस्थान में यही दो क्षेत्र ऐसे हैं जहां सबसे ज्यादा अफीम की खेती होती है। लेकिन अब इस अफीम की खेती को भी ऐसे चोर चुरा रहे हैं। जिन्हें किसान चाह कर भी नहीं पकड़ पा रहे हैं।

अफीम की फसल पर मंडराते हैं तोते

अब कुछ दिनों में ही अफीम की फसल की कटाई होनी है। लेकिन अब उस फसल पर तोते मंडराने लगे हैं। ऐसे में अब अफीम उगाने वाले किसानों की चिंता बढ़ गई है। हम सभी जानते हैं कि किसी इंसान को तो अफीम की लत सकती है लेकिन तोता ही एक ऐसा इकलौता पक्षी है जो अफीम को चाव से खाता है। यदि एक बार वह इसका सेवन कर ले तो फिर इसका आदी हो जाता है। यहां तक कि यह अफीम के पौधे पर बैठा हो और कोई इसके पास भगाने के लिए आ रहा हो तो भी यह आसानी से वहां से उड़ता नहीं है। ऐसे में अब किसान परेशान हो चुके हैं।

तोतों को ऐसे अफीम खाने से बचा सकते हैं किसान

इस बारे में एक्सपर्ट बताते हैं कि किसान अपनी फसल को जाली या फिर किसी नेट से ढक लें जिस की अफीम के दूध को तोतों से बचाया जा सके। आपको बता दे कि मालवा और मेवाड़ क्षेत्र में अफीम की खेती करने के लिए बकायदा आपको लाइसेंस लेना पड़ता है।

अफीम खाने वाले तोतों को जेल भी होती

अफीम खाकर बेहोश होने के बाद तोतों को जेल भी हो जाती है। दरअसल गांवों में कई जगहों पर अफीक खाकर लुढ़क जाने वाले तोतों को किसान उठाकर पिंजरों में बंद कर देते हैं और जब फसल कटकर बिक जाती है तब उनको छोड़ते हैं। राजस्थान में वैसे तो अफीम की सरकारी खरीद चंद हजार रुपए है, लेकिन कालाबाजारी और तस्करी इतनी ज्यादा है कि कीमत करीब दो लाख रुपए किलो तक पहुंच जाती है।