सार

एक जुलाई राजस्थान के 70 IAS-IPS और IFS-RPS के लिए बेहद खास दिन है। क्योंकि आज ही इन 70 अफसरों का जन्मदिन है। सोशल मीडिया पर इन अधिकारियों के लिए बधाईयों का दौर चल रहा है।

जयपुर, एक जुलाई...राजस्थान के लिए यह बड़ा दिन है। बधाईयों का दौर चल रहा है सोशल मीडिया पर....। कारण है कि राजस्थान में आज ही के दिन एक साथ 70 अफसरों का जन्म हुआ था। सभी का जन्मदिन आज एक ही दिन मनाया जा रहा है। इन अफसरों के अलावा दर्जनों अफसर ऐसे हैं जो रिटायर भी हो चुके हैं और उनका जन्मदिन भी आज ही के दिन यानि एक जुलाई को एक साथ आता था। इन अफसरों में सेंट्रल और स्टेट सर्विसेज के अफसर शामिल हैं।

यह आईएएस, आईपीएस, और आईएफएस काटेंगे बर्थडे केक

दरअसल, सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार आज आईएएस लक्ष्मण सिंह, तारा चंद, हरजी लाल, कानाराम, पुष्पा देवी, श्वेता चौहान, गिरधर लाल, सोहन लाल और आईएएस अफसर बाल मुकुंद का जन्मदिन है। इनके अलावा आईएफएस सेवा से ताल्लुक रखने वाले अफसर शरद प्रताप सिंह, सेडू राम और सुगम राम जाट का भी आज ही जन्मदिन हैं। वहीं आईपीएस अफसरों की बात की जाए तो श्रीनिवास राव जंघा, राजेन्द्र सिंह, जय नारायण, रामेश्वर सिंह, योगेश दाधीच, विक्रम सिंह, राजेश कुमार का आज जन्मदिन है।

राजस्थान के यह अफसर मना रहे अपना जन्मदिन

स्टेट सर्विसेज की बात की जाए तो आरएएस अफसर राम स्वरूप, राकेश शर्मा, जगवीर सिंह, महेन्द्र कुमार, सुरेश कुमार, ओम प्रकाश, संजय कुमार, अशोक कुमार, तरू कुमार, प्रभा व्यास, दारा सिंह, कनिष्क सैनी, श्रवण सिंह, गोपाल लाल, नंद किशोर, रामावतार, संतोष कुमार, राम कुमार, समंदर सिंह, निशा शर्मा, संतोष कुमार, मनोज खेखा, मनोज कुमार सोलंकी, बिजेन्द्र सिंह, अजीत सिंह का आज बर्थडे है। साथ ही आरएसएस अफसर करमचंद चौधरी, गोविंद नारायण, राजेश दत्त, हनुमान सहाय, नरेन्द्र कुमार, मुकेश कुमार, चांदमल कोमल, प्रभु लाल, हरफूलसिंह, राहुल राज, राकेश कुमार, करणी सिंह, पुरषोत्तम शर्मा, अनिता कुमारी, राजवीर सिंह अजमेरा, दलजीत सिंह, मोहन लाल माली, शिव कुमार, धर्मचंद सैन, सांवर लाल शर्मा, सुरेश कुमार , नरेन्द्र कुमार, और जगदीश प्रसाद मीणा समेत चार अन्य अफसरों का भी आज जन्मदिन है।

एक साथ होने के पीछे एक रोचक कहानी

दरअसल, अफसरों के जन्मदिन एक साथ होने के पीछे एक रोचक कहानी है राजस्थान में....। इनमें से लगभग सभी अफसर ग्रामीण पृष्टिभूमि से हैं। अफसरों का कहना है कि उस समय गांवों में बर्थ सर्टिफिकेट नहीं बना करते थे। जब पढने की उम्र होती तो सरकारी स्कूलों में गुरुजी जब जन्म के दस्तावेज मांगते थे तो दस्तावेज नहीं होने के कारण जब से नया सत्र यानि एक जुलाई शुरु होता तो एक जुलाई की तारीख ही दस्तावेज में जोड़ देते थे। इसी कारण कई अफसरों का जन्मदिन एक साथ जुलाई को आता है।