सार

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां एक थानेदार का ऐसा वीडियो वायरल हुआ जिसे देखने के बाद एसपी ने कर दिया निलंबित। महज 150 रुपए की रिश्वत के चलते 70 हजार रुपए महीने की नौकरी के साथ इज्जत भी गवांई।

चित्तौड़गढ़ (chittorgarh news). राजस्थान का चित्तौड़गढ़ शहर जो सांवलिया सेठ के मंदिर के कारण पूरे देश दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां से खबरें कम ही आती है। लेकिन अब शहर से एक खबर चर्चा में है। वो इसलिए की सिर्फ 150 के लिए एक थानेदार ने अपनी 70 हजार महीने की नौकरी और बेहद कीमती इज्जत को दांव पर लगा दिया। थानेदार का वीडियो जब एसपी को सौंपा गया तो इज्जत और नौकरी दोनों छीन ली गई। थानेदार को निलंबित कर दिया गया है और इसके अलावा थानेदार के ऊपर विभागीय जांच भी बिठा दी गई है।

राजस्थान DGP ने ट्रैफिक रूल फॉलों नहीं करने वालों पर कार्रवाई के दिए थे निर्देश

दरअसल चित्तौड़गढ़ शहर समेत पूरे राजस्थान में इस महीने की पहली और दूसरी तारीख को पुलिस डीजीपी उमेश मिश्रा ने सभी एसपी को यह टारगेट दिया था कि वे अपने-अपने जिलों में हेलमेट नहीं लगाने वाले वाहन चालकों के चालान करें , ताकि उन्हें हेलमेट लगाने का एहसास हो।डीजीपी उमेश मिश्रा ने यह भी कहा था कि किसी की भी सिफारिश मान्य नहीं होगी चाहे वाहन चालक के पिता पुलिस में अफसर ही क्यों ना हो। अपने डीजीपी का यह आदेश मानकर पूरे जिलों के पुलिस अधीक्षकों ने अपने-अपने जिलों के थानेदारों को वाहन चालकों का चालान करने का टारगेट दिया। 2 दिन में ही करीब 60000 से ज्यादा वाहन चालकों के चालान ठोक दिए गए।

चित्तौड़गढ़ के थानेदार ने 150 रु. के लिए दांव पर लगाई नौकरी

इसी रूल को लेकर चित्तौड़गढ़ शहर के अकोला थाना के थाना अधिकारी का वीडियो वायरल हो गया। थानाधिकारी गोकुल डांगी ने बाइक पर घूम रहे दो लड़कों को रोका। दोनों ने ही हेलमेट नहीं लगा रखा था। आरोप है कि थाना अधिकारी ने चालान काटने के बजाए उनसे 500 रु. मांगे बाद में सौदा 200 रुपए में तय हुआ। लेकिन उनकी जेब में से 150 रुपए ही निकले।

थानेदार का 150 रुपए रिश्वत लेने का वीडियो एसपी के पास पहुंचा

थाना अधिकारी गोकुल डांगी का 150 रुपए लेते हुए का वीडियो बना लिया गया और इसे जिले के एसपी को भेज दिया गया। एसपी ने तुरंत एक्शन लिया और थाना अधिकारी गोकुल डांगी को निलंबित कर दिया। इस पूरे घटनाक्रम की जांच एडिशनल एसपी को दी गई है। थाना अधिकारी की सैलरी करीब ₹70000 महीना बताई जा रही है। उसके बावजूद भी 150 रुपए के चक्कर में उन्होंने अपनी नौकरी और इज्जत दोनों को दांव पर लगा दिया।

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