सार
राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी दल लोगों को रिझाने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। अब कांग्रेस के लिए चाय वोट की चाबी बनती नजर आ रही है। क्योंकि गांव से लेकर शहर तक नेता वोटरों से चाय पर चर्चा करेंगे।
जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव में करीब 2 महीने से भी उनका समय बचा हुआ है। कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों में ही अपने शीर्ष नेताओं को राजस्थान में बुलाकर सभाएं करना शुरू कर दिया है इसके साथ ही टिकट की चाह रखने वाले नेता लगातार अपने इलाकों में जनसंपर्क कर रहे हैं। इसके साथ ही वोटर को लुभाने के लिए अलग-अलग पैंतरे आजमाए जा रहे हैं।
राजस्थान में कांग्रेस के लिए चाय बन रही जीत की चाबी
लेकिन क्या आप जानते हैं राजस्थान में कांग्रेस पार्टी अब वह पैंतरा अजमानी जा रही है जिसके नाम से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में अपनी वाहवाही वाली लूट ली। हम बात कर रहे हैं चाय की। आपने अक्सर सुना होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले चाय बेचते थे लेकिन अब यही चाय राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के लिए वोट की चाबी बनने वाली है। क्योंकि कांग्रेस पार्टी अब राजस्थान में ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी के साथ चाय पर चर्चा करेगी। इसका आयोजन हर ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर पर किया जाएगा।
चुनाव में आम जनता के बीच पकड़ बना लेगी चाय
इतना ही नहीं इसके अलावा गांव में नगर पालिका, नगर परिषद या फिर नगर निगम के नेता जो कांग्रेस के सपोर्टर हैं और पदों तक पहुंच चुके हैं वह अपने इलाके में एक चौपाल लगाएंगे। हर नेता को पांच चौपाल लगानी पड़ेगी। हर एक चौपाल में करीब चार लाभार्थी परिवारों से बातचीत करनी होगी। ऐसे में कांग्रेस पार्टी एक महीने में 1.20 लाख परिवारों तक पकड़ बना लेगी। दरअसल कांग्रेस पार्टी का मानना है कि इस तरह से है आम जनता के बीच पकड़ बना लेगी और राजस्थान में करीब एक से डेढ़ करोड़ लोगों तक की पार्टी का सीधा जुड़ाव होगा।
यह भी पढ़ें-Shocking New: बकरा चोरी करने पर हुआ विवाद, मारकर नाले में फेंक दी युवक की लाश