सार
डीग. राजस्थान पुलिस का ऑपरेशन एंटीवायरस अभियान अब मेवात क्षेत्र के लिए वरदान साबित हो रहा है। डीग जिले के पालड़ी गांव में हाल ही में इस अभियान के तहत की गई कार्रवाई ने साइबर अपराधियों के बीच खौफ पैदा कर दिया है। पुलिस के सतर्क प्रयासों और जागरूकता अभियानों के चलते अब ग्रामीण स्वयं ही ठगी में उपयोग होने वाले मोबाइल फोन और सिम कार्ड को नष्ट कर रहे हैं। डीग राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का गृह जिला है।
तीन गांवों की एक संयुक्त पंचायत करके लिया यह फैसला
दरअसल पालड़ी गांव में हुई तीन गांवों की एक संयुक्त पंचायत ने साइबर ठगी के मामलों को जड़ से खत्म करने के लिए कठोर निर्णय लिए हैं। पंचायत ने यह ऐलान किया कि यदि किसी भी व्यक्ति को साइबर ठगी में लिप्त पाया गया, तो उस पर लाखों रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इस कठोर निर्णय के बाद गांव में जागरूकता बढ़ी है और लोग अब ठगी से संबंधित गतिविधियों की जानकारी पुलिस को दे रहे हैं।
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जामताड़ा के बाद मेवात दूसरे नंबर पर
जानकारी के अनुसार, मेवात क्षेत्र साइबर ठगी के मामलों में जामताड़ा के बाद देशभर में दूसरे स्थान पर आ गया था। यह स्थिति पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन ऑपरेशन एंटीवायरस ने अपराधियों की कमर तोड़ दी है। राजस्थान पुलिस ने अब तक दर्जनों साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है और कई संदिग्ध उपकरणों को जब्त किया है। लेकिन अब जो फोटो और जानकारी सामने आ रही है वह पहले कभी नहीं देखने को मिली है । गांव के लोगों ने करीब 40 से ज्यादा मोबाइल फोन तोड़ दिए हैं और सिम जला दी है । फोन तोड़ने के बाद उनको भी जलाया गया है । इस बारे में फिलहाल पुलिस ने कोई जानकारी नहीं दी है।
साइबर अपराध ऐसे रोके
उल्लेखनीय है कि पुलिस ने ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया, जहां उन्हें बताया गया कि साइबर अपराध कैसे होते हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता है। इसके साथ ही, हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है, ताकि ग्रामीण किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दे सकें।
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