सार
श्रीगंगानगर. राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के चूनावढ थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला साइबर ठगी का मामला सामने आया है। जहां एक किसान को फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर ठगने वाले अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट का हवाला देकर एक करोड़ 5 लाख रुपये की ठगी कर ली। इस मामले में साइबर थाना पुलिस ने सक्रिय रूप से जांच शुरू कर दी है और अब तक 18 लाख रुपये को भोपाल स्थित दो बैंकों में होल्ड करवा दिया गया है।
किसान की पूरी जिंदगी भर की जमा पूंजी गई
पीड़ित किसान ने अपनी जमा पूंजी जमीन बेचकर बैंक खातों में जमा की थी। उसने अपने जीवनभर की बचत से कुल 32 बीघा भूमि बेची और फिर अन्य भूमि खरीदने के बाद उसे भी बेच दिया। इस दौरान सभी पैसे बैंक खातों में जमा हुए थे। 15 नवंबर को किसान को एक फोन आया, जिसमें खुद को दिल्ली में सीबीआई अधिकारी बताने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि किसान के बैंक खातों में डिफॉल्टर मनी जमा है और यदि इसे तुरंत न हटवाया गया तो उसे सात साल की जेल हो सकती है।
किसान को डराकर कर दिया बेबस
यह फर्जी अधिकारी किसान को डराकर अगले दिन उसे दूसरे अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर कर देता है। किसानों को भरोसा दिलाते हुए उसने कहा कि अगर पैसा सही पाया गया तो यह उन्हें वापस कर दिया जाएगा। किसान ने इस तरह एक करोड़ 5 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
भोपाल के दो बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए थे पैसे
इस पूरी घटना के बाद किसान ने अपने परिजनों को मामले की जानकारी दी और फिर साइबर पुलिस को सूचित किया। साइबर थाना पुलिस ने जांच शुरू की और ट्रांसफर किए गए पैसों का पता लगाया। पुलिस को पता चला कि ठगी की गई राशि में से 18 लाख रुपये भोपाल के दो बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए थे, जिन्हें अब होल्ड करवा दिया गया है। पुलिस ने अपराधियों का पता लगाने के लिए एक टीम भोपाल भेजी है।
डिजिटल अरेस्ट का अब तक का सबसे बड़ा मामला
साइबर पुलिस का कहना है कि यह श्रीगंगानगर में डिजिटल अरेस्ट कर ठगी का अब तक का सबसे बड़ा मामला है। उन्होंने आम जनता को जागरूक करते हुए कहा है कि इस तरह के साइबर अपराधियों से बचने के लिए किसी भी अनजान कॉल या संदेश पर विश्वास न करें और तुरंत पुलिस से संपर्क करें।
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