Spy Scandal in Jaisalmer: जैसलमेर में DRDO गेस्ट हाउस मैनेजर पाकिस्तानी ISI के लिए जासूसी में गिरफ्तार। चंदन फील्ड फायरिंग रेंज से मिसाइल व सेना परीक्षण की गुप्त जानकारी लीक कर, स्वतंत्रता दिवस से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा में सेंध लगा दी।
Jaisalmer DRDO Guest House Manager Arrested: जैसलमेर का नाम अब एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार वजह है एक चौंकाने वाला जासूसी कांड। DRDO के चंदन फील्ड फायरिंग रेंज में स्थित गेस्ट हाउस का मैनेजर, महेंद्र प्रसाद, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करते हुए गिरफ्तार हुआ। यह गिरफ्तारी स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले हुई, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता और बढ़ गई है।
कैसे हुआ इस जासूसी नेटवर्क का खुलासा?
राजस्थान पुलिस की CID (सुरक्षा) इंटेलिजेंस स्वतंत्रता दिवस से पहले राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों पर विशेष निगरानी रख रही थी। इसी दौरान, उत्तराखंड के अल्मोड़ा निवासी महेंद्र प्रसाद पर शक गहराया। जांच में सामने आया कि वह सोशल मीडिया के जरिये पाकिस्तानी हैंडलर के लगातार संपर्क में था और DRDO तथा भारतीय सेना की गतिविधियों की गोपनीय जानकारी साझा कर रहा था।
क्यों है चंदन फील्ड फायरिंग रेंज इतनी संवेदनशील?
जैसलमेर स्थित यह फायरिंग रेंज भारत के सामरिक हथियार और मिसाइल परीक्षण का अहम केंद्र है। यहां DRDO के वैज्ञानिक और भारतीय सेना के अधिकारी नियमित रूप से आते हैं। लीक हुई जानकारी में मिसाइल परीक्षण, हथियार ट्रायल और सेना की मूवमेंट जैसी डिटेल्स शामिल होने की आशंका है।
यह भी पढ़ें…राजस्थान में मोबाइल ने रोकी ड्रोन बारिश, इस वजह से देश के अरमानों पर फिरा पानी
कौन है महेंद्र प्रसाद?
- मूल निवासी: पल्युन, अल्मोड़ा, उत्तराखंड
- चंदन फील्ड फायरिंग रेंज के गेस्ट हाउस में मैनेजर
- DRDO वैज्ञानिकों और सेना अधिकारियों की गतिविधियों पर नज़र
क्या-क्या जानकारी लीक हुई?
- मिसाइल और हथियार परीक्षण की तारीखें और गतिविधियां
- रक्षा उपकरण परीक्षण स्थलों का विवरण
- सेना और DRDO अधिकारियों की मूवमेंट
क्या मिला आरोपी के पास से?
गिरफ्तारी के बाद महेंद्र प्रसाद के मोबाइल फोन और डिजिटल उपकरणों की गहन जांच हुई। इसमें DRDO ऑपरेशंस और भारतीय सेना से जुड़ी संवेदनशील सूचनाएं मिलने की पुष्टि हुई। सबूत पुख्ता होने पर उसे आधिकारिक रूप से जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
क्या यह एक बड़ा नेटवर्क हो सकता है?
सुरक्षा एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या इस जासूसी कांड में और लोग भी शामिल हैं। शुरुआती जांच से संकेत मिल रहे हैं कि यह एक संगठित विदेशी खुफिया अभियान का हिस्सा हो सकता है, जो भारत के सामरिक प्रतिष्ठानों को निशाना बना रहा है।
सुरक्षा एजेंसियों का अलर्ट मैसेज
इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने संवेदनशील संस्थानों में कार्यरत सभी कर्मियों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करने की अपील की है।
यह भी पढ़ें…कौन है रेज़ांग ला के अमर नायक मेजर शैतान सिंह: जिनकी बहादुरी के चर्चे चीन से पाक तक
