Hanumangarh Violence farmers Protest : हनुमानगढ़ में एथेनॉल फैक्ट्री का विरोध हिंसक हो गया है। किसानों द्वारा फैक्ट्री की दीवार तोड़ने के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग किया। क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात है और इंटरनेट बंद है।
हनुमानगढ़ में एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर हो रहे विरोध-प्रदर्शन तनावपूर्ण माहौल में तब्दील हो गया है। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो आंदोलन जारी रहेगा। वहीं, जिस तरह से आगजनी और तोड़फोड़ के डर को देखते हुए फैक्ट्री के आसपास रहने वाले करीब कई परिवार घर छोड़कर भाग गए हैं। भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर तैनात है, साथ ही जिले के टिब्बी क्षेत्र में इंटरनेट बंद कर दिया है।
ट्रैक्कर से तोड़ी दीवार और आंसू गैस के गोले छोड़े
आंदोलन उस वक्त हिंसक हुआ जब प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई जिसके बाद किसान उग्र हो गए और ट्रैक्टरों से फैक्ट्री की दीवार तोड़ दी। एथेनॉल फैक्ट्री के अंदर घुसकर ऑफिस में भी आग लगा दी और जमकर पत्थरबाजी की।इसके बाद हालात ऐसे हो गए कि पुलिस ने हिंसक मामले पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। आंसू गैस के गोले छोड़े तब कहीं जाकर हालात पर नियंत्रण हो सका।
स्कूल-कॉलेज और इंटरनेट बंद
पुलिस की लाठीचार्ज में करीब 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। वहीं इलाके के कांग्रेस विधायक अभिमन्यू पूनिया को भी चोट आई है। आंसू गैस के बाद किसान और उग्र हो गए और उन्होंने मौके पर खड़ी करीब 14 गाड़ियों को आग में फूंक दिया। वहीं तनाव के हालात को देखते हुए एरिया में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए हैं। टिब्बी क्षेत्र में इंटरनेट बंद है।
हनुमानगढ़ में क्यों हो रही है हिंसा?
- जिले के राठीखेड़ा के पास रजिस्टर्ड ड्यून इथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी 40 मेगावाट का अनाज आधारित 450 करोड़ रुपये की लागत से एथेनॉल प्लांट लगा रही है।
- किसानों और आसपास के लोगों का कहना है कि इस प्लांट से पर्यावरण पर असर पड़ेगा। साथ ही इससे उनकी खेती प्रभावित होगी और पैदावार कम हो जाएगी।
- इन्हीं मु्द्दों को लेकर किसान पिछले साल से शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे थे। लेकिन हाल ही में उन्हें धरनास्थल से हटा दिया गया था।
- किसानों को हटान के बाद कंपनी ने प्लांट का निर्माण कर लिया। जिसके के बाद किसानों ने फिर से धरना दिया और हिंसा में तब्दील हो गया।
- बुधवार को किसानों ने हनुमानगढ़ एसडीएम और कलेक्टर को ज्ञापन देकर प्लांट रोकने की मांग की। लेकिन जब उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो किसानों ने फैक्ट्री की तरफ कूच किया और उग्र विरोध जताने लगे।
