राजस्थान के 5 श्रीकृष्ण के मंदिर, जहां करोड़ों श्रद्धालुओं का लगता है तांता
कल यानी 26 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व है। इसे लेकर आज राजस्थान के मंदिरों में तैयारियां शुरू हो चुकी है। वैसे तो भगवान के राजस्थान में कई मंदिर है लेकिन पांच ऐसे बड़े मंदिर है जहां पूरे साल करोड़ों भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं।
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जयपुर में स्थित भगवान गोविंद देव जी का मंदिर
जयपुर में स्थित भगवान गोविंद देव जी मंदिर को जयपुर का आराध्य देव माना जाता है। जिससे जयपुर के राजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने बसाया था। यहां के लोग केवल जन्माष्टमी या अन्य किसी पर्व पर नहीं बल्कि अपना कोई भी नया काम शुरू करने से पहले यहां मन्नत जरूर मांगते हैं।
राजस्थान के करौली जिले में स्थित मदन मोहन मंदिर
राजस्थान के करौली जिले में स्थित मदन मोहन मंदिर में भी हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। 300 साल पुराने मंदिर का निर्माण भक्त गोपाल सिंह ने करवाया था, जो उस समय के राजा भी थे। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण के पोते पद्नानाभ के हाथ से तैयार की गई एक मूर्ति यहां विराजित है।
राजसमंद जिले में भगवान श्रीनाथ मंदिर
राजसमंद जिले के नाथद्वारा कस्बे में स्थित भगवान श्रीनाथ मंदिर में भगवान श्री कृष्ण की बाल रूप की झांकी है। इस मंदिर की भी राजस्थान में ही नहीं बल्कि पूरे देश में लोकप्रियता है।
देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी करते है दर्शन
देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी का परिवार भी भगवान श्रीनाथ मंदिर में हर साल दर्शन करने के लिए आता है। जन्माष्टमी पर यहां भगवान को 21 तोपों की सलामी दी जाती है।
राजस्थान के सीकर जिले में स्थित भगवान खाटूश्याम का मंदिर
राजस्थान के सीकर जिले में स्थित भगवान खाटूश्याम के मंदिर में भगवान के शीश की पूजा होती है। मानता है कि महाभारत काल में भीष्म के पोते बर्बरीक ने अपना शीश दान दिया था। हर साल एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। फाल्गुन महीने के दौरान ही 50 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं।
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित सांवरिया सेठ मंदिर
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित सांवरिया सेठ मंदिर की। इन्हें सेठ इसलिए कहा जाता है क्योंकि कई व्यापारी अपने व्यापार में भगवान सांवरिया को अपना पार्टनर मानते हैं।
सांवरिया सेठ मंदिर में अपनी कमाई का हिस्सा देते हैं भक्त
मुनाफा होने पर व्यापारी सांवरिया सेठ मंदिर में अपनी कमाई का एक निश्चित हिस्सा भेंट भी करते हैं। यहां हर साल करोड़ों रुपए का चढ़ावा भी आता है जिसमें सोने चांदी भी शामिल है।