Ajmer School Incident : राजस्थान के अजमेर जिले के नागोला गांव में सरकारी स्कूल के टीचर ने टेस्ट में कम नंबर आने पर दसवीं के छात्र की बेरहमी से पिटाई की। छात्र की हालत गंभीर है, गांव वाले सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं।
Teacher Assault Student : राजस्थान के अजमेर जिले में सरकारी स्कूल के एक छात्र की बेरहमी से पिटाई का मामला सामने आया है। आरोप है कि टेस्ट में नंबर कम आने पर एक शिक्षक ने दसवीं कक्षा के छात्र को इस कदर पीटा कि उसकी पीठ और पैरों पर गहरे चोट के निशान पड़ गए। घटना के बाद पीड़ित छात्र की मां ने भिनाय थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है और सख्त कार्रवाई की मांग की है।
भिनाय थाना क्षेत्र के नागोला गांव का मामला
यह मामला भिनाय थाना क्षेत्र के नागोला गांव स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का है। जानकारी के मुताबिक, 15 वर्षीय छात्र बुधवार सुबह स्कूल गया था। दोपहर में घर लौटने पर वह रो रहा था। जब मां ने वजह पूछी तो छात्र ने बताया कि टेस्ट में नंबर कम आने पर शिक्षक दीपक जाट ने हाथ-पैरों और डंडे से उसकी पिटाई की और गाली-गलौज भी की।
टीचर बोला-आगे भी मारूंगा, जो करना है कर लो"
परिजनों के अनुसार, पिटाई इतनी गंभीर थी कि लड़का चलने-फिरने की स्थिति में भी नहीं रहा। परिजन उसे तुरंत अस्पताल लेकर गए। रास्ते में जब मां ने शिक्षक को रोका और शिकायत करने की बात कही तो उसने धमकी भरे लहजे में कहा— "नंबर कम आए हैं इसलिए मारा है, आगे भी मारूंगा, जो करना है कर लो।"
टीचर के खिलाफ होगी भूख हड़ताल?
- ग्रामीणों का प्रदर्शन और मां की चेतावनी घटना के विरोध में नागोला गांव के लोग एकजुट होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर सस्पेंड नहीं किया जाएगा, वे आंदोलन जारी रखेंगे। पीड़ित छात्र की मां ने भी चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वह भूख हड़ताल पर बैठेंगी।
- स्कूल की प्रिंसिपल रचना गौड़ ने स्वीकार किया कि शिक्षक ने छात्र को पीटा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों ने मामले की रिपोर्ट मांगी है और तथ्यात्मक विवरण जल्द भेजा जाएगा। जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। भिनाय थाना पुलिस के एएसआई रामकिशन ने बताया कि छात्र की मां की शिकायत पर मामला दर्ज कर मेडिकल परीक्षण कराया गया है। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
- इस घटना से ग्रामीणों में गुस्सा है और शिक्षा विभाग पर भी सवाल उठ रहे हैं कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर इतनी गंभीर लापरवाही क्यों हुई।
