hippopotamus breeding in india: जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में मादा दरियाई घोड़े राजकुमारी ने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया है। यह पार्क के इतिहास में हिप्पो का पहला जन्म है, जिससे वन विभाग में खुशी की लहर है।

nahargarh biological park hippo birth: राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक बेहद खास खबर सामने आई है। यहां मादा दरियाई घोड़े ‘राजकुमारी’ ने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया है। यह पार्क के इतिहास में पहली बार है जब दरियाई घोड़े (हिप्पो) का सफल प्रजनन हुआ है। इस उपलब्धि ने न केवल वन विभाग में उत्साह का संचार किया है, बल्कि जैव विविधता संरक्षण की दिशा में एक नई उम्मीद भी जगाई है।

‘राजकुमारी’ बनी मां, 100 किलो के शिशु की हो रही खास देखभाल

राजकुमारी का जन्म भी इसी पार्क में 17 जुलाई 2020 को हुआ था और अब महज़ चार साल की उम्र में वह मां बन चुकी है। शिशु हिप्पो का वजन लगभग 100 किलोग्राम है और उसे पार्क प्रशासन द्वारा विशेष देखरेख में रखा गया है। उसे उठाने के लिए 10 लोगों की टीम लगाई गई थी। इस नवजात के जन्म के बाद अब पार्क में हिप्पो परिवार की संख्या बढ़कर चार हो गई है।

विशेष तालाब में रह रहा नवजात, ‘राजा’ को किया गया अलग

वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक डॉ. अरविंद माथुर और उनकी टीम इस नवजात और मां हिप्पो की 24 घंटे निगरानी कर रही है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नर हिप्पो ‘राजा’ को फिलहाल अलग रखा गया है। इसके अलावा नवजात हिप्पो के लिए एक विशेष तालाब का निर्माण किया गया है ताकि वह सुरक्षित, स्वच्छ और आरामदायक माहौल में विकसित हो सके।

2019 में आया था पहला जोड़ा, अब पूरी हुई उम्मीद

गौरतलब है कि वर्ष 2019 में दिल्ली के चिड़ियाघर से एक हिप्पो जोड़ा नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लाया गया था। तभी से यहां दरियाई घोड़ों के सफल प्रजनन की तैयारी की जा रही थी। अब ‘राजा’ और ‘रानी’ की इस पीढ़ी से जन्मी ‘राजकुमारी’ ने जब एक नए जीवन को जन्म दिया, तो यह पूरे राज्य के वन्यजीव प्रयासों के लिए ऐतिहासिक पल बन गया।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, वन्यजीव संरक्षण को नई ऊर्जा

इस उल्लेखनीय उपलब्धि से नाहरगढ़ पार्क न केवल जैव विविधता संरक्षण में एक कदम आगे बढ़ा है, बल्कि अब यह घटना पर्यटन के लिहाज से भी बड़ी भूमिका निभाएगी। वन विभाग ने हिप्पो परिवार की 24 घंटे निगरानी के आदेश दिए हैं, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि नवजात शिशु पूरी तरह स्वस्थ और सुरक्षित रहे।

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