सार

बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में तोप अभ्यास के दौरान एक जवान की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे में हवलदार चंद्र प्रकाश दो तोपों के बीच फंस गए। यह घटना रेंज में बढ़ती सुरक्षा चिंताओं को उजागर करती है।

बीकानेर. राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थित महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में लगातार हो रहे हादसों ने सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रविवार को हुए एक और दर्दनाक हादसे में सेना के जवान की जान चली गई। इस बार हवलदार चंद्र प्रकाश पटेल निवासी मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश, अभ्यास के दौरान तोप को अटैच करते समय दो तोपों के बीच फंस गए, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। वो सिर्फ 31 साल के थे। इस घटना की जानकारी आज सामने आ सकी है।

अचानक दो भारी तोपों के बीच फंस गया जवान

महाजन पुलिस थाना अधिकारी कश्यप सिंह ने बताया कि रविवार शाम ईस्ट कैंप में तोप अभ्यास के दौरान यह घटना घटी। जवान चंद्र प्रकाश तोप अटैच करने की प्रक्रिया में लगे थे, लेकिन तकनीकी त्रुटि या मिलान सही न होने के कारण वे अचानक दो भारी तोपों के बीच फंस गए। उन्हें गंभीर चोटें आईं और तुरंत सूरतगढ़ आर्मी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पहले भी आर्मी में सामने आ चुके हैं ऐसे मामले

महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में इस तरह के हादसे कोई नई बात नहीं हैं। वर्ष 2021 में भी विस्फोट के दौरान सेना के जवान प्रभजोत सिंह की जान चली गई थी, जबकि एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया था। वहीं, 2023 में तोप अभ्यास के दौरान इलाहाबाद निवासी नंदलाल यादव की मौत हो गई थी, जब संतुलन बिगड़ने से वे घायल हुए और अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इतना ही नहीं, रेंज में तैनात जवानों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी सवाल उठे हैं। वर्ष 2023 में नॉर्थ कैंप में संतोष पंवार निवासी महाराष्ट्ने सुसाइड कर लिया था।

महाजन फील्ड फायरिंग रेंज भारतीय सेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण

इन लगातार हादसों के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि सुरक्षा मानकों की सख्त समीक्षा और उपकरण संचालन के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। फील्ड अभ्यासों के दौरान तकनीकी गड़बड़ियों की संभावनाओं को खत्म करने के लिए विशेष ट्रेनिंग और निरीक्षण को अनिवार्य किया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि महाजन फील्ड फायरिंग रेंज भारतीय सेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण स्थान है, लेकिन यहां बार-बार हो रहे हादसे जवानों की सुरक्षा व्यवस्था पर पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं।