Rajasthan Police SI Scam : भर्ती पेपर लीक केस की मुख्य आरोपी मोनिका जाट को जेल में बच्ची पैदा करनी पड़ी। नकल गिरोह से 15 लाख में पेपर पढ़कर इंस्पेक्टर बनी मोनिका के परीक्षा परिणाम पर सवाल उठने के बाद उसे कोर्ट ने सजा सुनाई थी। 

Rajasthan News : राजस्थान में चर्चित SI भर्ती 2021 पेपर लीक मामले में गिरफ्तार मोनिका जाट ने जेल में ही बच्ची को जन्म दिया है। यह मामला न केवल परीक्षा घोटाले की गंभीरता को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जेल के अंदर महिलाओं की स्वास्थ्य और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। मोनिका की डिलीवरी जयपुर के महिला चिकित्सालय के जेल परिसर में स्थित हॉस्पिटल में 4 अगस्त को हुई। इस दौरान उसे कोर्ट से जमानत नहीं मिली और वह जेल में ही रहकर बच्ची को जन्म दे रही थी।

मोनिका जाट को झुंझुनूं पुलिस ने किया था गिरफ्तार

मोनिका जाट को झुंझुनूं पुलिस लाइन से राजस्थान पुलिस की एसओजी ने गिरफ्तार किया था। मामला तब उजागर हुआ जब यह सामने आया कि मोनिका ने एसआई भर्ती परीक्षा में नकल और पेपर लीक का इस्तेमाल कर 34वीं रैंक हासिल की थी। हिंदी विषय में उसने 200 में से 184 अंक और सामान्य ज्ञान में 200 में से 161 अंक प्राप्त किए, जबकि इंटरव्यू में उसे केवल 15 अंक ही मिले। इसके बाद उसके परीक्षा परिणाम और परीक्षा प्रक्रिया पर संदेह उत्पन्न हुआ।

15 लाख में खरीदा था राजस्थान पुलिस परीक्षा का पेपर

जांच में यह पता चला कि मोनिका ने परीक्षा पास करने के लिए पौरव कालेर नामक नकल गिरोह के सरगना से 15 लाख रुपए में पेपर पढ़ने का सौदा किया था। उसने ब्लूटूथ और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल कर परीक्षा में नकल की, जिससे उसे नकली सब इंस्पेक्टर बनने में मदद मिली। दोबारा किए गए रिटर्न टेस्ट में मोनिका एप्लिकेशन सही ढंग से नहीं भर पाई, जिससे उसके असली कौशल की पोल खुल गई।

जेल के हॉस्पिटल में हुई डिलीवरी

  • जेल में रहते हुए मोनिका और उसकी नवजात बच्ची की पूरी देखभाल की जा रही है। जेल के हॉस्पिटल में डॉक्टरों की टीम ने मोनिका की सुरक्षित डिलीवरी सुनिश्चित की और बच्ची की जांच भी की। अधिकारियों के अनुसार, जेल प्रशासन ने महिला कैदियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए हैं।
  • यह मामला राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक की गंभीरता को सामने लाता है। मोनिका के जेल में जन्म देने की घटना ने न केवल कानून व्यवस्था बल्कि महिला कैदियों के स्वास्थ्य और अधिकारों पर भी चर्चा शुरू कर दी है। एसआई भर्ती घोटाले की जांच अब भी जारी है और सैकड़ों ऐसे उम्मीदवार सामने आ चुके हैं, जिन पर परीक्षा में अनियमितताओं का संदेह है। इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि राज्य में भर्ती परीक्षाओं की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखना कितना जरूरी है, ताकि शिक्षा और रोजगार की प्रक्रियाओं में भ्रष्टाचार को रोका जा सके।