ACB Jaipur Action : ACB ने जयपुर कोर्ट परिसर में रिश्वत लेते पुलिस कांस्टेबल और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। परिवादी से मोचन आदेश दिलाने के नाम पर रिश्वत की मांग सामने आई। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज, जांच जारी 

Jaipur Court Bribery : रक्षाबंधन से एक दिन पहले राजस्थान सरकार के दो कर्मचारियों ने अपने विभाग की थू-थू करा दी। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने बड़ी कार्रवाई की है। राजधानी जयपुर में एसीबी टीम ने कोर्ट परिसर से ही पुलिस के कांस्टेबल और न्यायालय के एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। दोनों पर एक परिवादी से मोचन आदेश दिलाने के बदले रिश्वत मांगने का आरोप है।

सिर्फ 600 रुपए के लिए नौकरी लगाई दांप पर

एसीबी मुख्यालय के अनुसार, जयपुर नगर-प्रथम यूनिट को शिकायत मिली थी कि शास्त्री नगर थाना में तैनात कांस्टेबल दीपचंद मीणा एक परिवादी से मोचन आदेश दिलाने के लिए 600 रुपये की रिश्वत मांग रहा है। परिवादी को बार-बार परेशान किए जाने के बाद उसने एसीबी से संपर्क किया। शिकायत का सत्यापन किया गया, जिसमें आरोप सही पाए गए।

जयपुर के कोर्ट परिसर में पकड़े गए आरोपी

एसीबी टीम ने शनिवार को जाल बिछाते हुए कोर्ट परिसर में कांस्टेबल दीपचंद मीणा और न्यायालय अपर सिविल एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या 11, जयपुर महानगर द्वितीय में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी गुलाम साफवान को 400 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। यह रिश्वत परिवादी से मोचन आदेश जारी करवाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के नाम पर ली जा रही थी।

सीनियर अफसरों की निगरानी में हुई पूरी कार्रवाई

  • यह ऑपरेशन एसीबी जयपुर नगर-प्रथम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र के नेतृत्व और उपमहानिरीक्षक आनंद शर्मा की निगरानी में संपन्न हुआ। टीम में उप अधीक्षक नीरज गुरनानी सहित कई अधिकारी व जवान शामिल थे। गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को थाने लाकर पूछताछ की जा रही है।
  • सीबी महानिदेशक स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि सरकार की ओर से भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त कार्रवाई के निर्देश हैं। किसी भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा रिश्वत की मांग की शिकायत मिलने पर सत्यापन के बाद तुरंत ट्रैप कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे बिना डर-भय के भ्रष्टाचार की शिकायत करें।
  • फिलहाल दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच जारी है। एसीबी की यह कार्रवाई एक बार फिर साबित करती है कि रिश्वतखोरी करने वालों को अब किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।