सार

दिल्ली-जयपुर हाईवे पर बने अंडरपास बारिश के मौसम में जानलेवा साबित हो रहे हैं। इन अंडरपास में पानी भरने की समस्या के कारण कई बार लोग फंस जाते हैं और बड़े हादसे का खतरा बना रहता है। हालांकि, अधिकारियों का दावा है कि पानी निकासी के पुख्ता इंतजाम हैं।

जयपुर. दिल्ली से जयपुर-हाईवे होने के बाद एक तरफ जहां लोगों को सफर में कम समय लगता है तो वही बारिश के इस मौसम में इस हाइवे पर जाना किसी खतरे से काम नहीं है। यदि बारिश के बीच आप यहां बने अंडरपास के नीचे फंस जाते हैं तो आप अपनी जान से हाथ धो बैठेंगे। हाल ही में फरीदाबाद के अंडरपास में दो बैंक कर्मचारियों की मौत हो गई।

बारिश में पानी से पैक हो जाते हैं अंडरपास

इसके बाद गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के द्वारा इफको चौक, होंडा चौक, सिगनेचर टावर और राजीव चौक में बने अंडरपास का निरीक्षण किया गया। जिनके निरीक्षण में कई खामियां सामने आई है। यहां जिन पिलर के ऊपर टीनशेड लगाए गए हैं वह पूरी तरह से जर्जर अवस्था में है। इतना ही नहीं जगह-जगह दीवारों में सीलन आ चुकी है। बारिश के समय इन चारों ही अंडरपास में काफी पानी जमा हो जाता है।

पंप से निकाल रहे पानी

इस पानी को निकालने के लिए यहां पर पंप सेट तो लगाए गए हैं, लेकिन उनसे पानी बाहर निकालने में काफी समय लगता है। समय पर पानी की निकासी नहीं होने के चलते पानी गाड़ियों के अंदर आना शुरू होता है और लोगों को इससे काफी ज्यादा परेशानियां होती है। फिलहाल इन चारों अंडरपास की मेंटेनेंस का काम नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के पास ही है।नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के द्वारा इन चारों को गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के अधीन देने के लिए कई बार प्रस्ताव भिजवाया गया लेकिन प्राधिकरण के द्वारा हर बार यह कहा गया कि जब तक इनकी खामियों को दूर नहीं किया जाता तब तक प्राधिकरण इन्हें अपने अंतर्गत नहीं लेगा।

मेदांता अंडरपास में फंसे थे लोग

आपको बता दें कि थोड़े दिनों पहले मेदांता अंडरपास में भी बारिश के दौरान इसी तरह के हालात हुए थे। जहां पानी निकालने के लिए करीब 7 घंटे से ज्यादा का समय लग चुका था। कई गाड़ियां पानी के बीच ही फंस गई थी। जिनके मालिक बीच पानी में अपनी गाड़ियों को छोड़कर वहां से चले गए थे।अन्यथा कोई बड़ा हादसा हो सकता था। हालांकि मामले में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारी यही कहते हैं कि मानसून से पहले सभी जगह मॉकड्रिल करवाई गई थी। कहीं भी कोई खामी सामने नहीं आई। बारिश के समय अंडरपास में पानी आता है तो उसे निकालने के लिए पुख्ता इंतजाम रहते हैं।

यह भी पढ़ें : पितृपक्ष 2024: भोपाल और जबलपुर से गया के लिए स्पेशल ट्रेनें शुूरू,जल्दी करें बुक