सार

जयपुर से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। जहां 19 साल की कॉलेज छात्रा को पड़ोसियों ने इतना टॉर्चर किया कि उसने सुसाइड कर लिया। वह बोलती थी-जिंदगी से थक चुकी हूं, अब जीने का बिल्कुल भी मन नहीं करता।

जयपुर. सात दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद 19 साल की सलोनी ने दम तोड़ दिया। परिवार में सबसे छोटी थी और सभी की लाड़ली थी। लेकिन पड़ोसियों के बेवजह टॉर्चर से परेशान होकर उसने सुसाइड कर लिया। अस्पताल में सात दिन तक भर्ती रही, डॉक्टर बचा नहीं सके और जान चली गई। अब पड़ोसी पति और पत्नी पर पुलिस केस हो गया है। विवाद बेहद मामूली था जो बढ़ते बढते मौत तक जा पहुंचा।

परिवार की लाड़ली थी सलोनी...लेकिन लगा ली फांसी

दरअसल, 19 साल की सलोनी खोह नागोरियान थाना इलाके में स्थित लूनिवायास क्षेत्र में रह रही थी। वह नजदीक ही एक निजी कॉलेज में प्रथम वर्ष की छात्रा थी। खुश मिजाज, सभी का ध्यान रखने वाली और परिवार की लाड़ली थी सलोनी। लेकिन 16 जून को जब घर में कोई नहीं था तो उसने फंदा लगा लिया। सलोनी की शुक्रवार को अस्पताल में मौत हो गई। सलोनी के भाई अभिषेक ने पुलिस को बताया कि पड़ोसी वकील रघु प्रजापत और उनकी पत्नी विमलेश ने परेशान कर दिया था। घर के बाहर बारिश का पानी भरता था इस कारण कुछ दिन पहले मलबा डलवाया था, तभी से पड़ोसी नाराज थे। उस दिन बहन से झगड़ा हो गया और उसके साथ मारपीट तक कर ली गई। बाद में परिवार के उपर केस दर्ज करा दिया। उसके बाद दो तीन केस ओर लगवा दिया। हमारी गाय को निगम से उठवा दिया। आए दिन टोंट कसते, घर से बाहर निकलने में भी झगड़े का डर लगता था।

वो बोलती थी-अब तो जीने का ही मन नहीं है...

आए दिन कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने के कारण हम परेशान हो चुके थे। सलोनी बोलती थी कि परेशान हो चुकी हूं अब तो जीने का ही मन नहीं है। अभिषेक ने कहा कि 16 जून को घर में कोई नहीं था। मां कुछ देर के लिए पास ही मंदिर गई थी। लोटी तो सलोनी फंदे से लटकी थी। उसे सात दिन अस्पताल में भर्ती रखा गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका। अब शुक्रवार को सलोनी की मौत हो गई। अंतिम संस्कार करने के बाद परिवार ने पड़ोसियों पर सुसाइड के लिए उकसाने का केस दर्ज कराया है।