सार
राजस्थान में खेती में हो रहे इनोवेशन को अपनाते हुए राजस्थान की रहने वाली महिला किसान कमला देवी ने गाय भैंस पालकर हर महीने लाखों की कमाई कर रही है। उसके पशुपालन के क्षेत्र में सराहनीय काम के लिए CM गहलोत ने 50 हजार रु. का पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
जयपुर, 22 जून. राजस्थान में अब खेती में होने वाले नवाचार के बाद जहां किसानों को तो हर महीने लाखों रुपए की कमाई हो रही है। वहीं अब राजस्थान में पशुओं को पालने का भी ट्रेंड बढ़ चुका है। राजस्थान में लोग गाय और भैंसों को पालकर हर महीने उनका दूध बेचकर लाखों रुपए कमा रहे हैं। इतना ही नहीं सरकार भी ऐसे लोगों को मोटिवेट करने के लिए अलग अलग तरीके के प्रोत्साहन दे रही है। हाल ही में राजधानी जयपुर के सीतापुरा में आयोजित हुए किसान सम्मेलन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान के शाहपुरा की रहने वाली महिला किसान कमला को सम्मानित किया। जिसे सरकार ने पशुपालन क्षेत्र में अच्छा काम करने पर 50 हजार रुपए का नगद पुरस्कार दिया है।
जयपुर की महिला किसान के सराहनीय काम को सीएम ने किया सम्मानित
दरअसल कमला देवी के पास गिर, देसी और होलिस्टन नस्ल की गाय हैं। इनके पास मुर्रा नस्ल की 10 भैंसे हैं। कुल 52 गाय और 10 भैंस होने से रोजाना उनके पास 570 लीटर दूध होता है। जिसे यह मार्केट में बेचती है और इसके अलावा घी जैसे कई प्रोडक्ट बनाकर भी उन्हें बाजार में बेचती है। कमला देवी की एक गाय दिन में 12 से 15 लीटर दूध देती है। इस तरह से हर गाय महीने में 360 लीटर दूध देती है। यदि इसी आधार पर अंदाजा लगाया जाए तो उन्हें हर साल करीब लाखों रुपए उन्हें मिल जाते हैं। वही कमला देवी मुर्रा नस्ल की भैंस भी पाल रही है। जिनका पालन सबसे ज्यादा राजस्थान नहीं बल्कि उत्तर भारत में किया जाता है। दावा है कि यह भैंस हर महीने 1 हजार लीटर से ज्यादा दूध देती है। हालांकि उनकी खुराक का भी विशेष ध्यान रखना पड़ता है।
राजस्थान के प्रदेश स्तरीय किसान सम्मेलन का हो रहा आयोजन
कमला देवी बताती है कि केवल वही नहीं बल्कि उनका पूरा परिवार इसी काम में लगा हुआ है। भविष्य में उनका सपना है कि वह एक बड़े पैमाने पर पशुपालन का काम करें। आपको बता दें कि जिस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कमला देवी को सम्मानित किया वह कार्यक्रम प्रदेश स्तरीय किसान सम्मेलन था। जिसमें करीब 50 हजार किसान शामिल हुए थे। जल्द ही अब यह कार्यक्रम राजस्थान में संभाग मुख्यालय और उसके बाद जिला मुख्यालयों पर भी आयोजित होगा। जिसमें सरकार के प्रतिनिधि और अधिकारी सीधे किसानों से बातचीत करेंगे और अच्छा काम करने वाले किसानों को सम्मानित भी करेंगे।