सार
राजस्थान में हुए संजीवनी घोटाले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह और सीएम अशोक गहलोत के बीच हुए आरोप प्रत्यारोप के बाद एक बार फिर इसका नाम चर्चा में बना हुआ है। वजह है पुलिस का स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप एक्टिव होना। ठगी का शिकार लोग बता रहे राजनीतिक स्टंट।
जयपुर (Jaipur news). राजस्थान में पिछले करीब 15 दिनों में एक बार फिर संजीवनी क्रेडिट घोटाले का नाम सामने आने लगा है। कारण है कि राजस्थान में घोटाले से जुड़े मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। अकेले जोधपुर में पिछले 11 दिनों में 123 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। इन मुकदमों के दर्द होने पर राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप एसओजी पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं कि आखिरकार महीनों पुरानी शिकायतों पर एकदम से क्या हुआ कि पुलिस ने मुकदमा दर्ज करना शुरू कर दिया है।
सीएम गहलोत ने घोटाले में मंत्री पर लगाए थे आरोप
गौरतलब है कि बीते दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से रूबरू होते हुए बयान दिया था कि संजीवनी क्रेडिट घोटाले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह और उनका पूरा परिवार शामिल है। इस बयान के बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ दिल्ली में मानहानि का दावा भी किया है।
अचानक कार्रवाही से लोगों में हो रही हैरानी
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मानहानि का दावा होने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चाहते हैं कि संजीवनी क्रेडिट को हटाने की जांच जल्द से जल्द पूरी हो जिससे कि घोटाले में शामिल सभी लोगों का नाम सामने आ सके। इसके लिए स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को निर्देश दिए गए हैं कि वह संजीवनी क्रेडिट को हटाने से जुड़ी शिकायतों पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू करें। हालांकि इस मामले में ठगी के शिकार हुए लोग अभी भी असमंजस में है क्योंकि उनका कहना है कि जब महीनों तक कोई कार्यवाही नहीं हुई तो ऐसा अचानक क्या हुआ कि पुलिस इतनी एक्टिव हो गई।
लोगों का मानना- सब पॉलिटिकल स्टंट
आपको बता दें कि राजस्थान में इससे महा घोटाले की सभी शिकायतें एसओजी में ही दर्ज हो रही थी। सभी शिकायतें एसओजी ने रख ली लेकिन उन पर न तो कोई जांच हुई और नहीं कोई मुकदमा दर्ज हुआ अब पीड़ित लोगों का कहना है कि पुलिस मुकदमा दर्ज करने के बाद उनसे ही घंटों थाने में पूछताछ कर रही है। पीड़ित लोगों का कहना है कि केवल राजनीति के चक्कर में यह मामला फिर उजागर हुआ है। वह तो इस ठगी को भूलने में लगे हुए थे। क्योंकि उन्हें अपना पैसा मिलने की कोई उम्मीद तक नही थी।
आपको बता दें कि इस पूरे मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर भी आरोप है कि वह भी इस कंपनी में बोर्ड में शामिल थे। हालांकि इस पूरे मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत अपने ऊपर लगे सभी आरोप निराधार बता रहे हैं अब देखना होगा कि मामले की जांच कब तक पूरी होती है और किन बड़े चेहरों का नाम सामने आता है।
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