सार
राजस्थान मे इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले है। अपनी सरकार रिपीट करने के लिए सीएम गहलोत एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है। इसके चलते ही कांग्रेस सर्वे करा रही जिसमें वे उन नेताओं के बारे में जानकारी निकलवा रही है जो चुनाव जीता सके।
जयपुर (jaipur news). राजस्थान में विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही महीनों का समय शेष बचा हुआ है। सरकार महंगाई राहत कैंप के जरिए अपनी योजनाओं का एक बार फिर राजस्थान के अंतिम छोर तक प्रचार प्रसार कर रही है। हालांकि इन कैंपों में लोगों को राहत भी मिल रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस बार कांग्रेस पार्टी ने चुनाव के लिए एक नया फार्मूला निकाला है। क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले करीब 1 साल से जा रहे हैं कि सरकार रिपीट हो।
चुनाव जीतने वाले नेताओं की पार्टी कर रही तलाश
इसके लिए सीएम अशोक गहलोत केवल अब ऐसे उम्मीदवार देख रहे हैं। जो जिताऊ हो बजाय इसके कि लंबे समय से पार्टी से जुड़े हो। कांग्रेस इसके लिए एक सर्वे भी करवा रही है कि आखिर कौन सी सीट पर कौन सा उम्मीदवार उन्हें अच्छी जीत दिलवा सकता है। वही इस सर्वे के तहत 2018 में जो विधायक जीतने के बाद सचिन पायलट खेमे की तरफ चले गए। पार्टी उनकी टिकट काट भी सकती है हालांकि अभी तक इस बारे में पार्टी का कोई बयान नहीं आया है।
बागी विधायकों पर भी लागू होगा यही फॉर्मूला
वहीं बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों के साथ भी यही होगा। यदि सर्वे में पता चलता है कि वह अपनी सीट पर जीत दर्ज करवा सकते हैं तो उन्हें भी पार्टी टिकट देगी। इसके अलावा सचिन पायलट खेमे के विधायकों पर भी इस सर्वे में पॉजिटिव रिजल्ट आने पर ही उन्हें टिकट मिलेगा। क्योंकि सीएम गहलोत इस बार किसी भी हाल में चाहते हैं कि राजस्थान में 5 साल में सरकार चेंज होने का मिथक टूट जाए।
वही आपको बता दें कि मौजूदा सरकार में 13 निर्दलीय विधायक है। इनमें करीब 11 कांग्रेस विचारधारा के लोग हैं जिनमें एक दो तो ऐसे भी हैं जिन्हें पार्टी ने 2018 में टिकट नहीं दिया तो उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और फिर पार्टी में शामिल हो गए। पार्टी ने भी इन्हें राजनीतिक नियुक्ति दी। इस बार के चुनाव में पार्टी इनकी प्रसिद्धि के आधार पर ही इन्हें टिकट देगी।
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