सार
वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा को लेकर राजस्थान से आई सबसे बड़ी खबर। फिर एक बार पेपर लीक होने के चलते कैंसिल हुई एग्जाम। एक आदमी के लालच के कारण 6 लाख छात्रों के जीवन से खिलवाड़। रद्द हुआ पेपर अब 30 जुलाई को होगा।
जयपुर (jaipur News). राजस्थान सरकार एड़ी से चोटी तक का जोर लगा ले, लेकिन सरकारी भर्ती परीक्षाओं में चीटिंग किए बिना कोई परीक्षा राजस्थान में पिछले 5 साल में नहीं हुई है। यही कारण रहा कि दर्जनों परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया और इस कारण करोड़ों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ हुआ। अब एक और सरकारी भर्ती परीक्षा राजस्थान में रद्द कर दी गई है। यह परीक्षा वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का एक पेपर है। इस पेपर के रद्द हो जाने के कारण करीब 6 लाख अभ्यर्थियों को अब फिर से यह पेपर देना होगा। यह पेपर 30 जुलाई को रखा गया है। सिर्फ एक व्यक्ति के लालच के कारण 6 लाख बच्चों का भविष्य अंधकार में चला गया है।
RPSC सीनियर टीचर का GK का पेपर हुआ था लीक
दरअसल राजस्थान सरकार की ओर से भर्ती परीक्षाएं आयोजित करवाने वाली सरकारी एजेंसी यानी आरपीएससी ने करीब 7 महीने पहले वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर कराए थे। 3 दिन चली इन परीक्षाओं में लाखों छात्रों ने परीक्षाएं दी थी। इस दौरान जनरल नॉलेज का एक पेपर जो परीक्षा से कुछ घंटों पहले ही लीक हो गया था। जब लीक का खुलासा हुआ तो उस प्रश्नपत्र को रद्द कर दिया। गया उसके बाद 29 जनवरी को यह पेपर दोबारा से कराया गया। लेकिन यह पेपर भी रद्द करना पड़ गया। अब 30 जुलाई को फिर से यह प्रश्न पत्र कराया जाएगा। जिसे ग्रुप ए और ग्रुप बी के करीब 6 लाख छात्र देंगे।
RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा ने रुपयों के लालच में किया था पेपर लीक
दरअसल जनरल नॉलेज का यह पेपर आरपीएससी के एक पदाधिकारी बाबूलाल कटारा के कारण तीसरी बार कराया जा रहा है। कटारा ने यह पेपर परीक्षा से 2 महीने पहले ही आउट कर दिया था। उसके बाद इस पेपर को करीब 80 लाख रुपए में बेचा गया। यह पेपर बिकता - बिकता करोड़ों रुपया नकल गिरोहों को दे गया।
सीनियर टीचर एग्जाम पेपर में लीक में पकड़ाए 50 से ज्यादा आरोपी
पेपर खरीदने और बेचने और उसे इस्तेमाल करने के मामले में अब तक करीब 50 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। जिनमें परीक्षा देने वाले छात्र, पेपर हल कराने वाले अध्यापक, सरकारी कर्मचारी, गैर सरकारी कर्मचारी शामिल हैं।बाबूलाल कटारा जो कि आरपीएससी का पदाधिकारी है और इसी पर पेपर हल कराने की जिम्मेदारी थी। उसी ने पेपर को बेच दिया। पहली बार ऐसा हुआ है कि आरपीएससी के 74 साल के इतिहास में कोई प्रश्न पत्र सिर्फ 7 महीनों में रद्द किया गया है।
सीएम गहलोत सरकार की हुई किरकिरी
पेपर रद्द करने के अलावा चुनावी साल में अशोक गहलोत सरकार की भयंकर किरकिरी हो रही है। यह मामला फिलहाल राजस्थान पुलिस की एजेंसी एसओजी और एटीएस तो देख ही रही है, लेकिन अब ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने भी इसमें दखल दे दी है ।
बीजेपी से सांसद किरोडी लाल मीणा लगातार पेपर लीक के मामलों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लोहे के चने चबवा रहे हैं। उनका कहना है कि तार बहुत आगे तक जुड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री छोटी मछलियां पकड़ रहे हैं, बड़े मगरमच्छ अभी भी खुले घूम रहे हैं। लेकिन एक व्यक्ति के लालच के कारण अब लाखों छात्र परेशान हो रहे हैं।
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