Success Story of a Farmer Son  : राजस्थान की राजधानी जयपुर के किसान के बेटे की तारीफ हर कोई कर रहा है। क्योंकि वह अपनी मेहनत और लगन की दम पर महज 24 साल की उम्र में मेडिकल अफसर जो बना है। 

Success Story of a Farmer Son : राजस्थान की धरती एक बार फिर गर्वित हुई है। जयपुर के प्रेमपुरा गांव से ताल्लुक रखने वाले डॉ. नरेंद्र नेहरा ने महज 24 वर्ष की आयु में मेडिकल ऑफिसर बनकर साबित कर दिया कि समर्पण और संघर्ष से कोई भी सपना हकीकत बन सकता है। इस खबर में आप पढ़िए कैसे एक किसान के बेटे ने तीन स्टेट यानि पंजाब-हरियाणा और राजस्थान में डॉक्टर बनकर सेवा की। इस दौरान उन्होंने कई ऐसे लोगों की भी जिंदगी बचाई जिनके पास इलाज कराने तक के पैसे नहीं रहते थे।

पंजाब के फाजिल्का और फिर हरियाणा के सिरसा में रहे अधिकारी

एक किसान परिवार से आने वाले डॉ. नरेंद्र ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पिंक सिटी स्कूल, हिंगोनिया से पूरी की और फिर अजमेर के प्रतिष्ठित जेएलएन मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर 2024 में इंटर्नशिप पूरी की। इंटर्नशिप पूरी होते ही उन्होंने बिना समय गंवाए पंजाब के फाजिल्का में दो महीने और फिर हरियाणा के सिरसा में तीन महीने तक चिकित्सा अधिकारी के रूप में सेवाएं दीं। इस दौरान हजारों मरीजों का इलाज कर उन्होंने चिकित्सा सेवा में गहरी समझ और अनुभव अर्जित किया।

प्रेरणा देती है डॉ. नेहरा की सफलता की कहानी

डॉ. नेहरा की इस सफलता की कहानी सिर्फ एक परीक्षा पास करने तक सीमित नहीं है। यह उस युवा की कहानी है जिसने कठिनाइयों में भी हार नहीं मानी। उनका सपना शुरू से ही था कि वे अपने जैसे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बेहतर इलाज दे सकें। वे बताते हैं कि इस सफलता के पीछे उनके माता-पिता – किसान मदनलाल नेहरा और गृहणी मीरा देवी – का बड़ा योगदान है। उन्होंने हर कदम पर साथ दिया, चाहे वह आर्थिक सहयोग हो या मानसिक संबल।

डेली पांच से छह घंटे पढ़ाई कर पाई सफलता

  • डॉ. नेहरा ने बताया कि सेवा के दौरान भी वे प्रतिदिन 5-6 घंटे पढ़ाई करते रहे ताकि राज्य में चयन पक्का हो सके। उनका मानना है कि डॉक्टर की असली जिम्मेदारी सिर्फ इलाज नहीं, बल्कि जनसेवा भी है।
  • अब उनका अगला लक्ष्य अपने क्षेत्र के ग्रामीणों को गुणवत्ता युक्त चिकित्सा सुविधा देना है, ताकि कोई भी व्यक्ति इलाज के अभाव में पीड़ित न हो।