सार

राजस्थान से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जिसके चलते मध्य प्रदेश की सिहोर पुलिस को प्रदेश में आना पड़ा। दरअसल एमपी के दो बदमाशों ने एक कथावाचक के नाम से फर्जी सोशल मीडिया ग्रुप और वेबसाइट बनाकर लोगों से करोड़ो डकार गए।

जालौर (jalore). मध्य प्रदेश की सीहोर पुलिस ने ऑनलाइन ठगी के मामले में राजस्थान के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी राजस्थान के जालोर जिले के रहने वाले हैं। जिन्होंने फर्जी वेबसाइट और व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर करोड़ों रुपए की ठगी की हुई है। यह ठगी कोई लालच देकर नहीं बल्कि कथा वाचक पंडित मिश्रा की लिखी किताबों और रुद्राक्ष देने के नाम पर की गई।

लोगों को फसाने के लिए बना दी वेबसाइट, फिर चालू हुआ ठगी का खेल

राजस्थान के इन दोनों आरोपियों ने पीड़ितों को झांसे में लेने के लिए वेबसाइट और सोशल मीडिया ग्रुप को इस तरह से डवलप किया हुआ था कि किसी को पता भी नहीं चले। इन आरोपियों ने क्यूआर कोड और चैनल का लोगो समेत हर एक वह फर्जीवाड़ा किया हुआ था जिससे कि लोग जल्द से जल्द इनके झांसे में आ जाए।

फेक वेबसाइट और क्यूआर कोड से ठगे करोड़ों रुपए

मामले में सेवा समिति के सदस्य समीर ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया कि विकास विश्नोई निवासी और मदनलाल जालौर ने कथावाचक प्रदीप मिश्रा फोटो और आस्था चैनल लाइव का लोगो लगाकर कई वेबसाइट और व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हुए थे। जिसके जरिए वह क्यूआर कोड क्रिएट किया हुआ था। विकास किताब और रुद्राक्ष मंगाने के लिए लोगों से रुपए भी मांगता था। यह 500-500 रुपए क्यूआर कोड या ऑनलाइन ट्रांसफर होते। लेकिन जब रुपए समिति के अकाउंट में नहीं आए तो पूरे मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद पुलिस ने व्हाट्सएप ग्रुप में दिए मोबाइल नंबर पर बात की तो पूरे फर्जीवाड़े का पता चला। फिलहाल अभी तक इस पूरे मामले में लाखों रुपए के लेनदेन सामने आए हैं। लेकिन पुलिस का कहना है कि आरोपी पिछले लंबे समय से इस तरह से ठगी कर रहे थे।

राजस्थान में इस तरह का पहला मामला

राजस्थान में हर रोज ऑनलाइन और साइबर ठगी के कई मामले सामने आते हैं। लेकिन राजस्थान में कभी भी आस्था के साथ खिलवाड़ कर ठगी का कोई मामला सामने नहीं आया है। राजस्थान में भरतपुर का मेवात क्षेत्र ऑनलाइन ठगों का गढ़ माना जाता है।