सार
राजस्थान में अक्षय तृतीया के अवसर पर अनोखी परंपरा धणी महोत्सव का आयोजन किया जाता है। जिसमें राज्य की दशा को लेकर भविष्यवाणी की जाती है। इस बार की हुई भविष्यवाणी ने एक बार फिर बड़ी बीमारी के संकेत दिए है। पिछली बार की भी कही बात सही साबित हुई थी।
जोधपुर (jodhpur news). राजस्थान में एक बार फिर कोरोना जैसी भीषण महामारी आ सकती है। हैरान मत होइए यह बात कोई चिकित्सा विशेषज्ञ नहीं बल्कि जोधपुर में सालों से चली आ रही एक परंपरा में भविष्यवाणी हुई है। इससे पहले इस परंपरा के तहत 2019 में भी ऐसी ही भविष्यवाणी हुई थी। जिसके बाद 2020 में कोरोना महामारी आई थी।
अक्षय तृतीया में होता खास परंपरा का आयोजन
दरअसल जोधपुर में अक्षय तृतीया के मौके पर घांची समाज की ओर से धणी महोत्सव का आयोजन किया जाता है। जिसमें करीब ढाई घंटे तक अनुष्ठान होता है इसके तहत ही पता लगाया जाता है कि आगे बीमारी आएगी या नहीं या फिर काल पड़ेगा या बारिश होगी। इस परंपरा में हुई भविष्यवाणी में सामने आया है कि इस बार बने ही बारिश कम हो लेकिन किसानों की फसल में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं आएगी।
अंतिम जोड़ी का गिरा बच्चा करता है भविष्यवाणी
इस परंपरा में 6 बच्चे सिलेक्ट किए जाते हैं। जिनमें से दो दो बच्चों को जुड़ा बनाकर इस अनुष्ठान में शामिल किया जाता है। यदि कोई बच्चा काफी देर खड़े रहने के बाद गिर जाता है तो उससे भविष्यवाणी की जाती है। इस बार भी जब अंतिम जोड़ी का एक बच्चा नीचे गिरा। जिससे मान्यता अनुसार भविष्यवाणी की गई कि इस बार बारिश और अकाल दोनों की स्थिति सामान्य जैसी ही रहेगी। जो राजस्थान में काफी सही है। इसके अलावा राजनीति में आने वाले साल में कई उठापटक होगी। वही बच्चे के गिरने का संकेत यही मान्यता है कि कोई बड़ी बीमारी आएगी।
इस तरह होता है धनी अनुष्ठान
इस परंपरा के तहत अनुष्ठान के समय बालू मिट्टी से एक पहाड़ सा बनाया जाता है। इस पर 7 प्रकार की फसलों को रखा जाता है। जिसके बीच में एक लकड़ी डालकर उस पर दो पट्टियां लगा कर दो अलग-अलग बच्चों के हाथ में सौंप दिए जाते हैं। धीरे-धीरे वह लकड़ियां अपने आप ही मुड़ने लग जाती है।