सार
जोधपुर. राजस्थान में डिजिटल अरेस्ट के आपने कई मामले सुने होंगे। जहां कई घंटे तक लोगों को डिजिटल अरेस्ट करके उनसे रुपए ट्रांसफर करवाए गए होंगे। लेकिन राजस्थान के जोधपुर जिले से एक अनोखा ही मामला सामने आया है जहां पर एक निजी कंपनी से रिटायर हो चुके कर्मचारी को 5 दिन तक डिजिटल अरेस्ट किया गया। इतना ही नहीं उससे 1.84 करोड रुपए भी ठग लिए गए।
आधार कार्ड के बहाने बुजुर्ग को कर दिया बर्बाद
पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दी है कि बदमाशों ने उसे कॉल करके कहा कि आपके आधार कार्ड से एक मोबाइल नंबर उठा हुआ है। जिसको लेकर एक्सटॉर्शन की कंप्लेंट है। इसके बाद रिटायर कर्मचारी को गिरफ्तार करने का डर बताया गया और फिर उसे डिजिटल अरेस्ट करके बैंक भेजकर 11 चैक के जरिए अलग-अलग खातों में आरटीजीएस के जरिए रुपए ट्रांसफर करवाए गए। इतना ही नहीं बदमाशों ने पीड़ित को कहा था कि उनके भाई के साथ भी साइबर क्राइम हुआ है।
खुद को बताया मुंबई साइबर क्राइम का अधिकारी
रिटायर कर्मचारी की रिपोर्ट पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके अनुसंधान शुरू कर दिया है। बदमाशों ने कॉल के दौरान पहले तो खुद बात की और फिर कॉल को मुंबई की साइबर क्राइम ब्रांच में ट्रांसफर करने की बात की। फोन पर एक आदमी ने खुद को मुंबई साइबर क्राइम का अधिकारी होना बताया और कहा कि आपके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का भी केस है। जिसके चलते रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने भी वारंट जारी किया है।
पुलिस इसलिए डिजिटल अरेस्ट वालों को नहीं पकड़ पाती
आए दिन हम डिजिटल अरेस्ट केस सुनते हैं लेकिन बेहद कम मामलों में पुलिस आरोपियों तक पहुंच पाती है क्योंकि आरोपी इंटरनेट कॉलिंग या फिर अन्य वीपीएन के जरिए इंटरनेट से कॉल करके या व्हाट्सएप्प कॉल करके लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। वारदात करने के बाद वह नंबर को बंद कर देते हैं। इसलिए वह पुलिस गिरफ्त से बच जाते हैं। हालांकि पुलिस लगातार उनके ठिकानों की तलाश में है।
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