सार
मध्य प्रदेश में चल रही राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में कमलनाथ जिले के 7 विधायक राहुल इस यात्रा में शामिल नहीं हुए। जिसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। लोग चर्चा कर रहे हैं कि कहीं यह विधायक बीजेपी में शामिल तो नहीं हो रहे।
छिंदवाड़ा. राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा इन दिनों मध्य प्रदेश में चल रही है। 2 मार्च को यात्रा मुरैना से एमपी में इंटर हुई थी और आज गुरुवार को रतलाम पहुंच चुकी है। प्रदेश के सभी कांग्रेस नेता इस वक्त यात्रा में चल रहे हैं। लेकिन इसी बीच एक बुरी खबर सामने आई है। पूर्व सीएम कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा के सभी सात विधायक राहुल गांधी की न्याय यात्रा में शामिल नहीं हुए। जिसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। राजनैतिक गलियारों में तरह तरह की चर्चाएं होने लगी है।
क्या बीजेपी में शामिल होंगे कमलनाथ और नकुलनाथ?
सियासी गलियारों में इस खबर के बाद से कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। यात्रा से 7 विधायकों के गायब होने को लेकर अटकलें तो यहां तक हैं कि कहीं पिता पुत्र कमलनाथ और नकुलनाथ इन विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल तो नहीं हो रहे। वहीं कुछ राजनीतिक कारों का कहना है कि सिर्फ यह 7 विधायक लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
क्या दिल्ली पहुंचे कांग्रेस के 7 विधायक
छिंदवाड़ा के सभी सात विधायकों की बीजेपी में जाने की चर्चाओं के बीच कमलनाथ का बयान भी सामने आया है। उनका कहना है कि मुझे कल दिल्ली में होने वाली सीआईसी की बैठक में शामिल होने के लिए आया हूं। 7 में से यह 6 विधायक दिल्ली में मेरे साथ हैं। जब मीडिया ने पूछा विधायकों का दिल्ली में क्या काम? तो कमलनाथ ने कहा-छिंदवाड़ा ही नहीं अन्य क्षेत्रों और राज्यों के विधायक भी इस वक्त दिल्ली में मौजूद हैं।
"कमलनाथ जी फुर्र...
वहीं भाजपा के मध्य प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा पर हमला करते एक्स पर लिखा-"कमलनाथ जी फुर्र...."राहुल गांधी की न्याय यात्रा के मध्यप्रदेश आगमन को लेकर दावा किया गया था कि कमलनाथ जी इसमें पूरा समय रहेंगे...सच्चाई यह है कि यात्रा के पहले दिन मुँह दिखाया और दो दिन तक ग़ायब...यात्रा के तीसरे दिन कल उज्जैन आये , महांकाल साथ में गये और फिर ग़ायब..जबकि आज यात्रा का समापन है और बदनावर में सभा है जिसमे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे भी आ रहे है...लेकिन कमलनाथ फुर्र हो चुके है...नकुलनाथ तो पहले दिन के बाद से ही दिखे नहीं है...यही हाल मध्यप्रदेश कांग्रेस के अन्य बड़े नेताओ का भी है...अब जब कांग्रेस के बड़े नेताओ की ही रुचि राहुल गांधी में नहीं बची है तो जनता की तो समझी जा सकती है...