Khatu Shyamji Controversy : खाटू श्यामजी में नए गेट बनाने को लेकर स्थानीय लोग आक्रामक, आज बड़े विरोध प्रदर्शन की तैयारी। प्रशासन और पुलिस विवाद को शांत करने में नाकाम। लोग गेट को स्वतंत्र आवाजाही पर पहरा मान रहे हैं, हालात तनावपूर्ण। 

Khatu Shyamji Gate Protest : राजस्थान के प्रसिद्ध आस्था धाम खाटूश्यामजी में भक्तों की भीड़ हमेशा चर्चा में रहती है, लेकिन इस बार चर्चा का कारण भक्ति नहीं बल्कि विरोध है। कस्बे के सबसे व्यस्त अस्पताल चौराहे पर लगने वाले प्रस्तावित स्थाई गेट को लेकर स्थानीय लोग सड़क पर उतर आए हैं। उनका आरोप है कि यह गेट ‘व्यवस्था’ के नाम पर उनकी स्वतंत्र आवाजाही पर ताला लगाएगा।

भीड़ नियंत्रण या नागरिकों की बंदिश?

प्रशासन का कहना है कि मंदिर में सालभर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के कारण ट्रैफिक जाम और भगदड़ की स्थिति बनती है। इसे रोकने के लिए दो दर्जन गेट लगाने की योजना बनाई गई है, जिनमें अस्पताल चौराहे का गेट सबसे अहम है। लेकिन स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह कदम उन्हें अपने ही कस्बे में ‘कैदी’ बना देगा। उनका डर है कि यह गेट सिर्फ मेले के दिनों में नहीं, हमेशा लगा रहेगा, जिससे स्कूल, अस्पताल और रोजमर्रा के कामकाज में बड़ी दिक्कत होगी।

खाटूश्याम जी के भक्तों की चेतावनी

  • बीती रात ग्रामीणों ने चौराहे पर जमकर नारेबाजी की। व्यापार मंडल और स्थानीय भाजपा नेता मुकेश रामूका ने भी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर चेतावनी दी—यदि गेट का काम नहीं रुका, तो आंदोलन उग्र होगा। युवा नेता संजय तिवारी ने इसे ‘प्रशासन की जिद’ बताया और कहा, "यह गेट भक्तों की सुरक्षा के नाम पर लोगों को कैद करने की साजिश है।"
  • थानाधिकारी पवन चौबे मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन देर रात तक चली बैठक बेनतीजा रही। ग्रामीण आज बड़े प्रदर्शन की तैयारी में हैं, वहीं प्रशासन अब तक चुप्पी साधे हुए है।

क्या खाटू में व्यवस्था और आज़ादी के बीच टकराव बढ़ेगा? 

अब सबकी नजरें आज के प्रस्तावित बड़े प्रदर्शन पर टिकी हैं। सवाल यह है कि क्या यह विवाद मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था तक सीमित रहेगा, या श्रद्धालुओं की आस्था और स्थानीय लोगों की आज़ादी के बीच एक बड़ा संघर्ष बन जाएगा?