राजस्थान के जानवर प्रेमी लोगों के लिए कोटा बायोलॉजिकल पार्क से एक शानदार खबर सामने आ रही है। अब लोग 6.72 लाख में बाघ और डेढ़ लाख देकर भेड़िया गोद ले सकते हैं।
Kota Biological Park News : कोटा (राजस्थान), अगर आप वन्यजीवों से प्यार करते हैं और कुछ अनोखा करना चाहते हैं, तो कोटा का बायोलॉजिकल पार्क आपके लिए सुनहरा मौका लेकर आया है। यहां अब कोई भी व्यक्ति, संस्था या एनजीओ बाघ, भेड़िया, शेर, भालू जैसे जानवरों को गोद ले सकता है। यह योजना वन्यजीव विभाग की कैप्टिव एनिमल स्पॉन्सरशिप के तहत शुरू की गई है।
कोटा में बाघ और भेड़िया गोद लेने पर आएगा कितना खर्च?
वन्यजीव डीएफओ अनुराग भटनागर ने बताया कि इस योजना में 13 प्रजातियों के 85 से ज्यादा जानवर शामिल हैं। हर जानवर के लिए रहने, खाने और इलाज का वार्षिक खर्च तय किया गया है। उदाहरण के लिए बाघ को गोद लेने पर सालाना 6.72 लाख रुपये और शेरनी पर 5.16 लाख रुपये खर्च होगा। भेड़िया नर के लिए 1.8 लाख और मादा के लिए 1.68 लाख रुपये तय किए गए हैं।
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जानवर गोद लेने वालों को मिलेंगी क्या खास सुविधाएं?
जो व्यक्ति या संस्था किसी जानवर को गोद लेंगे, उनके नाम का बोर्ड उस जानवर के पिंजरे के बाहर लगाया जाएगा। यह नाम वे अपनी पब्लिसिटी में भी इस्तेमाल कर सकेंगे। इतना ही नहीं, उन्हें बायोलॉजिकल पार्क में विजिट करने पर भी विशेष छूट दी जाएगी। साथ ही इन लोगों की इस पहल के बारे में बाकी के लोगों को भी बताया जाएगा। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस पहल से जुड़ सकें और जानवरों को गोद ले सकें।
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जानवर गोद लेने से होगा क्या फायदा?
अब तक एनटीपीसी अंता की ओर से 7 जानवरों को गोद लेने का प्रस्ताव मिल चुका है। विभाग की ओर से इस पर सकारात्मक जवाब दिया गया है। अधिकारियों का मानना है कि इससे वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा और आमजन की भागीदारी भी बढ़ेगी। इस योजना से न सिर्फ जानवरों की देखभाल में आर्थिक मदद मिलेगी, बल्कि लोग भी वन्यजीव संरक्षण से भावनात्मक रूप से जुड़ पाएंगे। साथ ही, समाज में पर्यावरण और वन्यजीवों के प्रति जिम्मेदारी की भावना भी बढ़ेगी ।
