सार
राजस्थान के कोटा शहर से ठगी का अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक आरोपी ने लोगों को ठगने के लिए ऐसा तरीका अपनाया की एक बार को तो उनको समझ ही नहीं जब तक उनको लाखों की ठगी का समझ आया तब तक आरोपी हुआ फरार।
कोटा (kota News). राजस्थान में आए दिन ठगी के मामले सामने आते हैं। कभी नौकरी लगवाने के नाम पर तो कभी ऑनलाइन पैसा कमाने के नाम पर रोज करीब चार से पांच लोग ठगी के शिकार होते हैं। लेकिन राजस्थान के कोटा जिले से एक अनोखी ठगी का मामला सामने आया है। जहां आरोपी ने कोई लिंक भेज कर या फिर नौकरी लगवाने का झांसा देकर ठगी नहीं की बल्कि एक स्कूल प्रिंसिपल बनकर ठगी की। इस आरोपी ने ठगी का शिकार भी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता सहित अन्य लोगों को बनाया। जब स्कूल के स्टाफ को इसकी ठगी के बारे में पता चलने लगा तो आरोपी फरार हो गया।
स्कूल प्रिंसिपल बनकर आरोपी ने की लोगों से ठगी
दरअसल आरोपी त्रिद्वी नयन बनिस्था उर्फ त्रिदिव उपाध्याय है। जो कोटा शहर के रावतभाटा रोड पर स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल का प्रिंसिपल बना। करीब 3 से 4 महीने पहले उसने अपनी ठगी का पूरा खेल शुरू किया। पत्नी की बीमारी का बहाना बनाकर उसने स्कूल में पढ़ने वाले कई स्टूडेंट्स के माता-पिता को अपने झांसे में लिया और फिर उनसे लाखों रुपए ऐंठ लिए। इतना ही नहीं आरोपी जिस मकान में किराए पर रहता था वहां के मालिक से भी 1 लाख रुपए ऐंठ लिए। और उसकी बेटी का कॉलेज में दाखिला करवाने का झांसा देकर भी ठगी की। इतना ही नहीं इस आरोपी ने स्कूल में काम कर रहे कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठेकेदारों से भी कुछ दिन में लौटाने की बात कहकर रुपए ले लिए। लेकिन आरोपी युवक ने किसी को भी पैसे नहीं लौटाए।
ठगी का भांडाफोड़ होने से पहले आरोपी हुआ फरार
जब धीरे-धीरे स्कूल स्टाफ को इस बात का पता लगने लगा कि यह आरोपी तो लोगों को ठग रहा है तो उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए लोगों को इससे जागरूक रहने की अपील की। जब इस बात का पता प्रिंसिपल को लगा तो वह अपनी पत्नी सहित ही वहां से फरार हो गया। अब कोटा पुलिस ने मामले में आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एक एसआईटी टीम का भी गठन किया है। एसआईटी टीम लगातार आरोपी की तलाश कर रही है।
वही इस पूरे मामले में स्कूल की लापरवाही भी सामने आई है क्योंकि अब तक की पुलिस इन्वेस्टिगेशन में सामने आया है कि आरोपी पहले भी कई जगह इसी तरह की ठगी कर चुका है। ऐसे में स्कूल ने उसे जॉइनिंग करवाने के पहले या प्रिंसिपल बनाने के पहले उसका पुलिस वेरिफिकेशन क्यों नहीं आया। हालांकि इस मामले में स्कूल प्रबंधन कुछ भी कहने से बच रहा है।